Masik Durgashtami 2023

    Loading

    सनातन हिंदू धर्म में चैत्र महीने का विशेष महत्व होता है, क्योंकि सारे महत्वपूर्ण त्यौहार इस महीने आते हैं। जैसे- चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, चैती छठ आदि। हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक महत्वपूर्ण त्योहार ‘चैत्र नवरात्रि’ भी है, जो इस साल 13 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस त्यौहार को लेकर भक्तगण में उत्साह की लहर देखी जा रही है। लेकिन, कोरोना महामारी के बढ़ते मामले को देखते हुए मां के भक्तों में थोड़ी निराशा भी जरूर है। श्रद्धालु बस एक ही उम्मीद लगाए बैठे हैं, आदिशक्ति दुर्गा इस धरती से कोरोना का अंत कर भक्तों को जीवन दान दें।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ‘चैत्र नवरात्रि’ के पावन त्यौहार में मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में नवरात्र के व्रतों को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है। अगर आप इस नवरात्रि व्रत रखकर मां को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो कुछ विशेष नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। आईए जानें क्या हैं वे नियम…

    • सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के वस्‍त्रों का पहनना वर्जित माना गया है। क्‍योंकि इस रंग के प्रति नकारात्‍मकता ऊर्जा जल्‍दी ही आकर्षित हो जाती है। यही वजह है कि नवरात्रि में काले रंग के वस्‍त्र पहनने से परहेज करना चाहिए।  
    • नवरात्रि के त्योहारों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन दिनों काले रंग के कपड़े और चमड़े से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। इन दिनों बाल, दाढ़ी और नाखून भी नहीं कटवाने चाहिए।ऐसा ना करने पर माँ अपने भक्तों से नाराज होती हैं।
    • नवरात्र में कलश स्थापना के बाद घर को खाली न छोड़ें। किसी ना किसी व्यक्ति को घर में हमेशा रहना चाहिए। इन दिनों दिन के समय में सोना भी नहीं चाहिए।
    • नवरात्रि के पावन दिनों में अगर आपने व्रत नहीं किए हुए हैं, तो भी आप इन दिनों प्या, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन बिलकुल ना करें। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक भोजन खाना चाहिए।
    • नमक का सेवन न करें।
    • अगर आपने नौ दिनों का व्रत रखा है, तो इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें मां भगवती की पूजा-अर्चना शुद्ध एवं पवित्र मन से की जाती है।

    -सीमा कुमारी