इस दिन से शुरू है ‘खरमास’, जरूर जानें कथा और महत्वपूर्ण बातें

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    -सीमा कुमारी 

    इस साल ‘खरमास यानी,’मलमास’ 14 दिसंबर से लग रहा है। जो 14 जनवरी 2022 को समाप्त होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे। साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती है। जिस कारण कोई भी शुभ काम सफल नहीं होते हैं। शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है। इस अवधि में मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता खरमासहै। साथ ही कुछ नियमों का पालन करना भी बहुत जरूरी  है। आइए जानें  खरमास की कथा और महत्वपूर्ण बातें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि न करें।

    मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं।

    इस महीने में मांस और शराब का सेवन न करें।

    खरमास में जमीन पर सोना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा बरसती है।

    खरमास में किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए।

    इस माह भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाएं।

    कथा

    पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। सूर्यदेव को कहीं रुकने की अनुमति नहीं है, लेकिन रथ से जुड़े घोड़े लगातार दौड़ने और आराम न करने के कारण थक जाते हैं। घोड़ों की ऐसी हालत देखकर एक बार सूरज देवता का मन द्रवित हो गया। जिसके बाद वे घोड़ों को तालाब किनारे ले गए। उन्हें यह आभास हुआ कि रथ रुक गया तो अनहोनी हो जाएगी। 

    तब सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए वहीं छोड़ दिया। वह रथ में गधों को जोड़ा। गधों को सूरज देवता का रथ खींचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान रथ की गति धीमी हो जाती है। सूर्य देव एक माह में चक्र पूरा करते हैं। इस बीच घोड़ों ने भी आराम कर लिया। इसके बाद सूर्य का रथ पुनः अपनी गति में लौट आता है। इस तरह यह सिलसिला हर वर्ष जारी जारी रहता है।