आज है दिवाली, जानें पूजा विधि और मुहूर्त

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-सीमा कुमारी

दीपों का त्यौहार दिवाली आज यानी 14 नवंबर को मनाया जाएगा.दिवाली एक ऐसा फेस्टिवल है जिसे पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के मौके पर लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं, और अलग अलग तरह से लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं. मान्यता के अनुसार दिवाली का त्यौहार इसलिए मनाया जाता है.क्योंकि इस दिन भगवान राम लंका पर विजय पाकर माता सीता के संग 14-वर्ष का वनवास काटकर वापस अयोध्या आए थे और अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत दीप. तब से दिवाली का त्यौहार मनाया जाने लगा.       

दिवाली पूजा मुहूर्त ;-
 शाम के 5 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट का मुहूर्त सबसे उत्तम समय है. इस शुभ समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है. इस बार छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली की तिथि एक ही दिन पड़ने को शुभ माना जा रहा है.

  • गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते
  • अक्षत
  • दही
  • दीपक
  • दूध
  • लौंग लगा पान
  • पांच यज्ञोपवीत
  • दूब घास
  • गेहूं,
  • धूप बत्ती
  • मिठाई,
  • पंचमेवा,
  • नारियल और हल्दी
  • पंच पल्लव
  • मौली
  • रूई
  • चीनी, शहद
  • लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा

 पूजा विधि-
 कार्तिक अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए.शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर स्थापित करना चाहिए. मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए. इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए.अब फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इनके साथ-साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए.