जानिए कब है ‘महालक्ष्मी व्रत’, पूजा की तिथि, मुहूर्त और पूजन- विधि, पूरी होंगी मनोकामनाएं

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    -सीमा कुमारी

    ‘महालक्ष्मी व्रत’ राधा अष्टमी के दिन से शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है। पंचांग के अनुसार, भादो महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक ‘महालक्ष्मी व्रत’ रखा जाता है। इस साल ‘महालक्ष्मी व्रत’ (Mahalakshmi Vrat) का आरंभ 14 सितंबर से हुआ है, जो कि 29 सितंबर को संपन्न होंगे।

    मान्यता है कि इस दौरान मां लक्ष्मी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। जिसके प्रभाव से आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं। ज्योतिष,-शास्त्र के अनुसार, ‘गज लक्ष्मी’ अष्ट-लक्ष्मी का एक रूप हैं, जिनके पूजन से धन-धान्य और संपन्नता की प्राप्ति होती है। ‘गज लक्ष्मी’ (Gaja Laxmi) का व्रत संपूर्ण पितर पक्ष का एकमात्र दिन है, जिस दिन सोना या संपत्ति खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानें ‘गज लक्ष्मी’ व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि –

    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, अष्टमी कि तिथि 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 29 सितंबर को शाम 08 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। माता लक्ष्मी का पूजन शाम को होने के कारण कुछ लोग 28 सितंबर को ही ‘गज लक्षमी’ का व्रत रख रहे हैं। लेकिन ‘उदया तिथि’ के नियम के अनुरूप अष्टमी तिथि 29 सितंबर को ही मानी जाएगी। इसलिए ‘गज लक्ष्मी’ का व्रत 29 सितंबर को ही रखना शुभ होगा।

    पूजन विधि

    ‘गज लक्ष्मी’ व्रत के पूजन के दिन मां लक्ष्मी की सवारी गज यानी हाथी का भी पूजन किया जाता है। इस दिन मिट्टी के या चांदी के हाथी की पूजा की जाती है। गज लक्ष्मी के व्रत का आरंभ प्रातः काल में नहा कर मां लक्ष्मी का संकल्प ले कर किया जाता है। दिन भर फलाहार व्रत रख कर शाम को मां का पूजन करना शुभ माना जाता है। सायं काल में पूजा के स्थान पर आटे और हल्दी से चौक बना कर यहां एक कलश की स्थापना करें। कलश के समीप मां लक्ष्मी और हाथी की मूर्ति रखें। पूजा में सोने की कोई चीज जरूर रखें। मां लक्ष्मी और गज को धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाए तथा इत्र जरूर अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के मंत्रों और आरती गा कर लक्ष्मी मां की स्तुति करें।

    इस दिन क्या करें, क्या न करें

    गज लक्ष्मी का व्रत बहुत ही पवित्र व्रत माना जाता है, इसलिए व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की बुराई से दूर रहें। कन्याओं को उपहार दें। उनका स्नेह और आर्शीवाद भी प्राप्त करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन दूषित भोजन और गंदे वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। माता लक्ष्मी को स्वच्छता बहुत प्रिय है। इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।