आज मकर संक्रांति का त्यौहार, तिल, गुड़ के साथ खिचड़ी का विशेष महत्व

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    • दान का विशेष महत्व रहता है आज
    • हजारों पतंगे उड़ेंगी आसमान में

    अकोला. पौष माह में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तब मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है. इस बार मकर संक्रांति का त्यौहार रविवार 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है. इसी कारण से मकर संक्रांति के दिन दान, पुण्य, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अत्यधिक महत्व है.

    इस दिन स्नान के बाद सूर्य की उपासना तथा गुड़, चावल और तिल का दान श्रेष्ठ माना जाता है. इसी तरह मकर संक्रांति के दिन गौमाता को गुड़ खिलाने का भी विशेष महत्व है. जानकारी के अनुसार मकर संक्रांति पर सूर्य देव के साथ साथ शनि महाराज की भी पूजा अर्चना की जाती है. मकर संक्रांति पर बड़ी संख्या में लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं.

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति कहा जाता है, इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व यह है कि मकर संक्रांति के पावन दिन पर लंबे दिन और राते छोटी होने लगती है. इसी तरह ठंड कम होने की शुरूवात हो जाती है. इस त्यौहार का आयुर्वेदिक महत्व भी है. संक्रांति को खिचड़ी भी कहते हैं. इस दिन चावल, तिल और गुड़ से बनी चीजे खाई जाती है. तिल और गुड़ से बनी चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इसी तरह चावल और दाल से बनी खचड़ी का सेवन स्वास्थ्य लिए लाभदायक रहता है. इसी लिए इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा रहती है. 

    उड़ाई जाएंगी पतंगे

    मकर संक्रांति को पतंग पर्व भी कहा जाता है. इस दिन हजारों लोग विशेष रूप से युवा और बच्चे पतंग उड़ाते हैं. अनेक शहरों में पतंग उड़ाने की परंपरा देखी जा सकती है. लोग दोस्तों के साथ रंग बिरंगी पतंगे उड़ाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस सर्दी के मौसम में सुबह धूप में पतंग उड़ाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है. शहर तथा जिले में हजारों लोगों ने पतंग तथा मांजा और धागे की खरीदी कर ली है. इस तरह रविवार के दिन सभी जगह एक प्रकार से पतंग उत्सव भी मनाया जाएगा. 

    मंदिरों में होगी पूजा अर्चना

    शहर में ग्राम देवता श्री राजराजेश्वर मंदिर के साथ साथ काला मारुति मंदिर, महात्मा गांधी रोड पर शनि मंदिर के साथ साथ शहर के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना होगी. उस अनुसार सभी मंदिरों में व्यवस्था है. बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के बाद मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे. गौरक्षण रोड पर स्थित श्री गौरक्षण संस्था में गौमाता को गुड़ आदि खिलाने के लिए संस्था में सारी व्यवस्था की गयी है.