क्या है मोक्षदा एकादशी, जानें इसकी पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन ही मोक्षदा एकादशी मनाई जाती हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति भी कहा जाता है। इस दिन पूजा उपासना से व्यक्ति

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मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन ही मोक्षदा एकादशी मनाई जाती हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति भी कहा जाता है। इस दिन पूजा उपासना से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति सम्भव होती है। इस बार मोक्षदा एकादशी 8 दिसंबर को मनाई जाएगी।  

मोक्षदा एकादशी का महत्व: पद्मपुराण में भगवान श्रीकृष्ण, धर्मराज युधिष्ठिर से कहते हैं- इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए। मोक्षदा एकादशी बड़े-बड़े पातकों का नाश करने वाली है। इस दिन उपवास रखकर श्रीहरि के नाम का संकीर्तन, भक्तिगीत, नृत्य करते हुए रात्रि में जागरण करें। 

कैसे करें उपासना?
सुबह स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें। पीले वस्त्र धारण करके भगवान कृष्ण की पूजा करें। पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान कृष्ण के मन्त्रों का जाप करें या भगवद्गीता का पाठ करें। किसी निर्धन व्यक्ति को वस्त्रों या अन्न का दान करें। वैसे तो निर्जल उपवास रखना उत्तम होता है. परन्तु आवश्यकता होने पर जलीय आहार और फलाहार लिया जा सकता है।