(Image-Twitter-The Lost Girl)
(Image-Twitter-The Lost Girl)

    Loading

    नई दिल्ली: हमारे देश में धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां के कई मंदिर ऐसे है जो मान्यताओं से जुड़े होते है, सावन का पवित्र माह शुरू है ऐसे में लोग धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए जाते है इसलिए आज हम आपके लिए एक ऐसा ही धार्मिक स्थल लेकर आये है जिसके बारे में शायद आपको जानकारी न हों। आज हम बात कर रहे है गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित अंबाजी माता मंदिर (Ambaji Mata Temple) की जहां आप सावन के इस पवित्र माह में दर्शन करने जा सकते है। बता दें कि यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। आइए जानते है इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें… 

    पौराणिक महत्व 

    दरअसल अरासुरी अंबाजी मंदिर का काफी पौराणिक महत्व है। इस मंदिर की सबसे खास बात है कि इस मंदिर के भीतर के गर्भगृह में कोई प्रतिमा नहीं है, जी हां यहां मंदिर के भीतर भगवान नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण का मुंडन संस्कार सम्पन्न हुआ था। इससे जुड़ी कई ऐसी बातें है जो आज हम आपको बताने जा रहे है।

     

    यहां गिरा था मां सती का हृदय

    इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जिस स्थान पर यह शक्तिपीठ स्थापित है वहां मां सती का हृदय गिरा था। जिस वजह से इसे पवित्र शक्तिपीठों में गिना जाता है। बता दें कि यह मंदिर काफी प्राचीन है और यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर का निर्माण वल्लभी शासक सूर्यवंश सम्राट अरुण सेन ने चौथी शताब्दी में कराया था। समय-समय पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा है।

    ऐसा है मंदिर..

    बता दें कि शक्ति के उपासकों के लिए मां का यह मंदिर काफी महत्व रखता है। इस मंदिर के गर्भगृह में एक गुफा है जहां स्वर्ण निर्मित श्री यंत्र स्थापित किया गया है। इसी श्री यंत्र की यहां पूजा होती है। यह मंदिर 103 फुट ऊंचा है और इसके शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापित है। जिसका वजन 3 टन है। इस मंदिर के दर्शन इतने भी आसान नहीं है, जी हां मां के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 999 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर काफी भीड़ जुटती है और गरबा होता है। देश के कई हिस्सों से लोग यहां आते है। 

     

    ऐसे जा सकते है मंदिर

    अगर आप भी इस मंदिर के दर्शन करना चाहते है तो इस मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु सड़क, हवाई और रेल मार्ग के जरिए जा सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा अहमदाबाद का सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जहां से अंबाजी मंदिर करीब 186 किलोमीटर दूर है। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन अबू रोड स्टेशन है जहां से मंदिर की दूरी 20 किमी है।

    मंदिर की यह है खास बात

    इतना ही नहीं बल्कि  देश के किसी भी कोने से सड़क मार्ग के जरिए इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर पालनपुर से लगभग 65 किलोमीटर और माउंट आबू से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सबसे खास बात है कि इस मंदिर में स्थापित श्री यंत्र को कोई भी नग्न आंखों से नहीं देख सकता है, और पूर्णिमा के दिन यहां मेले का आयोजन होता है, जहा भारी संख्या में लोगों की भीड़ लगती है।