-सीमा कुमारी
सावन का पावन महीना रविवार से शुरू हो चुका है। देश के अलग-अलग हिस्सों में मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। सावन महीने की शुरुआत के साथ ही मंदिरों में स्थित शिवालयों को भब्य रूप से सजाया गया है।
चंद्रमा और गंगा को अपने शीश में धारण करने वाले, गले में सर्पों की माला और तन पर भस्म का श्रृगांर करने वाले भगवान महादेव का प्रिय महीना सावन शिव भक्तों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
ज्योतिष के मुताबिक, इस महीने में श्रद्धा और आस्था से जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ का पूजन करता है, भोलेनाथ शिव उस पर अवश्य कृपा करते हैं। भगवान शिव अति शीघ्र प्रसन्न होने वाले आशुतोष और अवघड़दानी हैं। वो तो केवल श्रद्धाभाव से जल अर्पण करने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन, सावन के पावन महीने में भगवान शिव से मनवांछित फल प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरह के पुष्प चढ़ाने का विधान है। आइए इसके बारे में जानें…
- ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही है या फिर वैवाहिक जीवन में किसी तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें पूरे सावन भर भगवान शिव को बेला या चमेली के सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- ‘शिव पुराण’ के मुताबिक, बेल के वृक्षों की उत्पत्ति माता पार्वती के पसीने से हुई थी। इसलिए बेल-पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। मान्यता है कि सावन के महीने में शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- भगवान शिव को सावन के महीने में हरसिंगार के फूल अर्पित करने से व्यक्ति को सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। उसके जीवन की सभी बाधाओं और दुखों का नाश होता है।
- ज्योतिष -शास्त्र की मानें, तो मांदर और धतूरे के फल और फूल प्रकृति में विषैले माने जाते हैं। लेकिन भगवान महादेव को मदार और धतूरे के फल अत्यंत प्रिय हैं। इनका वर्णन ‘शिव पुराण’ में भी मिलता है।
- शंकर जी को मांदर का फूल चढ़ाने से नेत्र संबंधी विकार दूर हो जाते हैं और धतूरे अर्पण करने से सांप, बिच्छू आदि विषैले जीवों का डर नहीं रहता है।
- कहते हैं कि, सावन महीने में भगवान शिव से धन-वैभव प्राप्त करने के लिए कमल का फूल चढ़ाना शुभ होता है। भगवान शिव के ‘महामायाधर’ रूप का पूजन कमल के पुष्प से किया जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है और धन- संपदा का आशीर्वाद देती हैं।
- दूर्वा भगवान गणेश को अतिप्रिय है। गणेश जी के किसी भी पूजन में दूर्वा अवश्य चढ़ाई जाती है। लेकिन सावन के महीने में शंकर जी को दूर्वा चढ़ाने से व्यक्ति निरोगी रहता है और लंबी आयु प्राप्त करता है।