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    -सीमा कुमारी

    हिन्दू धर्म में ‘सकट चौथ ‘(Sakat Chauth) का विशेष महत्व है। इस साल 2022 का ‘सकट चौथ’ का व्रत 21 जनवरी, शुक्रवार को है। ऐसा माना जाता है कि,’सकट चौथ’ का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए करती हैं। यह व्रत हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि को रखा जाता है। 

    इसे संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से जाना जाता  है। सकट चौथ के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन गणेश जी को तिल से बने मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है। इस बार का सकट चौथ सौभाग्य योग में है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है। आइए जानें इस साल सकट चौथ का सही मुहूर्त और पूजा विधि –

    शुभ-मुहूर्त

    माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जनवरी को सुबह 08:51 बजे से शुरु हो रही है। चतुर्थी तिथि 22 जनवरी को सुबह 09:14 बजे तक है। चंद्रोदय के समयानुसार 21 जनवरी को सकट चौथ का व्रत रखना उचित है क्योंकि 22 जनवरी में चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय नहीं होगा. संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है।  

    पूजा-विधि

    • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें।
    • इसके बाद पूजा घर को अच्छी तरह साफ कर लें।  
    • पूजा स्थल पर लकड़ी के चौकी पर लाल कपड़ा बिछाये और भगवान गणेश की प्रतिमा रखें ।
    • गणेश जी की मूर्ति को स्थापित कर गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
    • गौरी गणेश को रोली, चंदन, सिंदूर लगाएं
    • भगवान गणपति को पूजा के समय दूर्वा और फूल चढ़ाएं।
    • पूजा के दौरान गणेश मंत्र का जाप करें।  
    • पूजा के समय गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
    • आखिर में गणेशजी की आरती कर पूजा पूरी करें।