
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में मूर्ति पूजन का विशेष विधान है। हर हिन्दू घरों में भगवान शिव, विष्णु जी,कृष्ण जी, हनुमान जी, माता दुर्गा आदि कई देवी-दवताओं की मूर्तियां जरूर देखी जाती है और पूजी भी जाती है। लेकिन आपने देखा होगा कि, मूर्तियां ऐसी होती हैं, जिन्हें घर के मंदिर (Temple) में नहीं रखा जाता है। जैसे नटराज भगवान की मूर्ति, मां दुर्गा की कालरात्रि वाली मूर्ति, भैरवनाथ की मूर्ति और शनिदेव की मूर्ति। आइए जानें आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके कारण शनिदेव की मूर्ति घर के मंदिर में नहीं रखी जाती ?
पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव को श्राप मिला हुआ है कि वह जिस भी किसी को देखेंगे उसका अनिष्ट हो जाएगा। यही कारण है कि शनिदेव की दृष्टि से बचने के लिए घर पर उनकी मूर्ति नहीं लगाई जाती है। मंदिर में पूजन करते समय भी शनिदेव की दृष्टि की ओर नहीं देखा जाता है। कभी शनिदेव के एक दम सामने खड़े होकर या फिर उनकी आंखों में आंखे डालकर दर्शन एवं पूजन नहीं करना चाहिए। घर में शनिदेव का स्मरण किया जा सकता है।
धर्म-शास्त्रों के मुताबिक शनि देव की दृष्टि जिस पर भी पड़ती है, उसका बुरा हो जाता है। इसी मान्यता के चलते घर में शनि देव की मूर्ति नहीं रखी जाती है।
आंखों में आंखें डाल कर न करें पूजा
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। कहा जाता है घर के अलावा भी आप मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करते हैं तो भी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, आप उनकी आंखों में देखकर पूजा न करें। उनके चरणों में देखकर ही पूजा करें। ऐसे में आपके जीवन में कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। शनिवार के दिन हनुमान जी का दिन भी माना जाता है।
इस दिन अगर आप हनुमान जी की पूजा करते हैं तो इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ऐसी मान्यता है कि, जब भी शनि की महादशा चल रही होती है, तो व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से फल मिलता है। अच्छे कर्म का अच्छा फल और बुरे कर्म का बुरा फल मिलता है, कहा जाता है कि कर्म फल दाता शनिदेव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करते है।