(Image-Twitter)
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    नई दिल्ली: अब तक आपने देश के ऐसे कई मंदिरों के बारे में जाना होगा, जहां कुछ अद्भुत या चमत्कार होता है, या फिर कुछ अनोखा है, आज हम एक ऐसे ही मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे है जो बहुत अलग मंदिर है। दरअसल यह मंदिर हिमाचल में है, जहां प्रेमी जोड़ों को शरण मिलती है और इतना ही नहीं बल्कि पुलिस के आने पर भी रोक है, आइए जानते है इस मंदिर के बारे में रोचक तथ्य…  

    प्रेमी जोड़े को मिलती है पनाह 

    दरअसल ये एक प्राचीन मंदिर हिमाचल के कुल्लू जिले में है। जिसे शंगचुल महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले प्रेमी जोड़े को महादेव की शरण मिलती है। सबसे रोचक बात तो यह है कि जो भी प्रेमी जोड़ा भाग कर आता है, जिनके प्रेम को परिवार, समाज स्वीकार नहीं करता है मंदिर में महादेव उनको शरण देते हैं। इतना ही नहीं उनकी रक्षा भी करते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से बताया जाता है। 

    मंदिर से जुड़ी मान्यता 

    दरअसल हिमाचल के इस मंदिर का क्षेत्र करीब 11 बीघा में फैला हुआ है। मंदिर परिसर की सीमा के अंदर आते ही प्रेमी जोड़े का कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है। पांडवों को दी थी शरण मान्यता है कि अज्ञातवास के समय पांडव यहां कुछ समय के लिए रुके थे। पांडवों का पीछा करते हुए कौरव भी यहां पर पहुंच गए थे। तब शंगचुल महादेव ने कौरवों को रोका था और कहा था कि यह मेरा क्षेत्र है, यहां जो भी आएगा, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। कहा जाता है कि यह सुनकर कौरव महादेव के भय से लौट गए थे। तब से मंदिर में जो भी शरण लेने आता है उसको महादेव का शरणार्थी माना जाता है। इसलिए प्रेमी जोड़े को भी यहां सुरक्षित माना जाता है। शंगचुल महादेव मंदिर कुल्लू जिले के शांघड़ गांव में स्थित है।

     

    प्रेमी जोड़े की मंदिर के पुजारी करते हैं देखभाल 

    शायद यह जानकर आप भी थोड़ी देर के लिए हैरान रह जाएंगे, लेकिन आपको बता दें कि जो प्रेमी जोड़े शादी करने के उद्देश्य से इस मंदिर में आते हैं उन्हें मेहमान माना जाता है और जब तक उनके परिवार दोनों की शादी के लिए राजी नहीं होते तब तक मंदिर के पुजारी उनकी देखभाल करते हैं। उन्हें किसी भी तरह का कष्ट नहीं होने देते। 

    यहां नहीं आ सकती पुलिस 

    बता दें कि यहां के लोग आज भी अपनी विरासत का पालन कर रहे हैं। यही कारण है कि आज भी यहां पुलिस के आने पर प्रतिबंध है। इसके अलावा यहां शराब, सिगरेट या चमड़े का सामान लाना भी मना है। यहां पर ऊंची आवाज़ में बात करने पर भी रोक है। इस तरह आज भी इस मंदिर का महत्व कायम है।