-सीमा कुमारी
इस वर्ष ‘इंदिरा एकादशी’ (Indira Ekadashi) 21 सितंबर बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है। पितृपक्ष के दौरान पड़ने के कारण भगवान की कृपा से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, ‘इंदिरा एकादशी’ पर कुछ विशेष उपायों को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। और पितर भी प्रसन्न होते है। आइए जानें इस बारे में –
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘इंदिरा एकादशी’ पर सूर्यास्त के समय तुलसी के समक्ष घी का दीपक लगाकर ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। मान्यता है इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है। घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।
कर्ज में डूबे लोगों को ‘इंदिरा एकादशी’ के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग की वस्तु जैसे पीले फूल, पीला फल यानी केला पीला अनाज (अरहर दाल) पूजा में अर्पित करना चाहिए। इसके बाद इन सामग्री को गरीब या जरूरतमंदों में बांट दें । ऐसा करने पर कर्ज का बोझ कम होने लगता है।
इस दिन घर में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और भजन-कीर्तन करने से नकारात्मकता दूर होती है। परिवार में क्लेश नहीं होता, हर कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।
श्राद्ध पक्ष में ‘इंदिरा एकादशी’ का व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और दान देने से पितर प्रसन्न होते है। पितृ-दोष समाप्त के लिए ये उपाय बहुत लाभकारी है।
गरीबी और दरिद्रता दूर करने के लिए ‘इंदिरा एकादशी’ के दिन पीपल के पेड़़ में सरसों के तेल का दीपक लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही दरिद्रता का नाश होता है।