इस दिन है चैत्र पूर्णिमा, जानें सही डेट, पूजा विधि, और महिमा

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    सीमा कुमारी  

    नई दिल्ली: धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा (chaitra purnima) का विशेष महत्व हैं। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल,शनिवार को हैं। चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती हैं। इसके अलावा, इसी दिन ब्रज नगरी में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव रचाया था. माना जाता है कि, इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य करने से सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता हैं। चैत्र के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा, चैती पूनम वगैराह के नाम से जाना जाता हैं। आइए जानें चैत्र पूर्णिमा की तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महिमा के बारे में –

    शुभ मुहूर्त

     चैत्र पूर्णिमा:  दिनांक 16 अप्रैल 2022, शनिवार

    पूर्णिमा तिथि प्रारंभ :16 अप्रैल, शनिवार 02:25 AM पू

    पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अप्रैल 12:24 AM

    चंद्रोदय का समय सायं 16 अप्रैल, शनिवार, 06:27 PM

    पूजा विधि

    चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें।

    इसके उपरांत चैत्र पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लें।

    इसके बाद श्रीविष्णु की पूजा करें।

    संभव हो तो सत्य नारायण का पाठ करें।

    उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।

    अंत में ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें।

    चंद्रदर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें

    चैत्र पूर्णिमा के दिन होती है हनुमान जयंती

    पंचाग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती भी मनाई जाती हैं। खूब जोर-शोर से हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों दिन मनाया जाता हैं।

    महत्व

    ‘चैत्र पूर्णिमा’ हिन्दू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। चैती पूर्णिमा के अवसर पर जो भक्त श्री हरि विष्णु की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं उन्हें सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण का व्रत करने से जातकों को समस्त कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

    इन मंत्रों का करें जाप

    धार्मिक मान्यता है कि, चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम: ” मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य देने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।