इस दिन है ‘मोहिनी एकादशी’, जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण का समय

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    -सीमा कुमारी

    हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। इस साल यह व्रत 12 मई, अगले गुरुवार को है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है। 

    वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ‘मोहिनी एकादशी’ का व्रत व पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती हैं। आइए जानें मोहिनी एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में-

    शुभ-मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 मई दिन बुधवार को शाम 07 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 12 मई को शाम 06 बजकर 52 मिनट तक है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मोहिनी एकादशी व्रत 12 मई दिन गुरुवार को रखा जाएगा ।

    मोहिनी एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त

    मोहिनी एकादशी के दिन गुरुवार है, जो भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है। ऐसे में मोहिनी एकादशी पर गुरुवार दिन का संयोग है। इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 07 बजकर 30 मिनट तक है। ऐसे में आप मोहिनी एकादशी व्रत की पूजा प्रात:काल से ही कर सकते है।

    पूजा-विधि

    मोहिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठे। दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी रखें। इसमें पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। दीपक जलाकर भगवान के समक्ष हाथ जोड़ें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु को  पीले फूल, फल, पंचामृत, तुलसी, धूप, दीप, गंध, अक्षत, चंदन, रोली आदि अर्पित करें।  

    ध्यान रहे एकादशी पूजा करते समय भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। तुलसी पत्ता के बिना भगवान विष्णु की पूजा संपन्न नहीं होती। इसके बाद मोहिनी एकादशी व्रत कथा पढ़े और भगवान श्री हरि विष्णु की आरती करें। आरती के बाद हाथ जोड़कर भगवान से क्षमायाचना करें। इसके बाद परिवार के लोगों में प्रसाद बाटें। पूरे दिन व्रत रखें या फलाहार रहें। अगले दिन सुबह स्नानादि के बाद पूजा करें और दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण कर अन्न जल ग्रहण करें।

    महत्व

    मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस व्रत से व्यक्ति को जन्म-जन्मान्तरों के पापों से मुक्ति मिलती है। यदि किसी व्यक्ति से जाने-अंजाने में कोई पाप हो गया हो तो कहा जाता है कि इस व्रत से इन पापों से छुटकारा मिल जाता है।