इस दिन है महाराष्ट्र का महापर्व ‘गुड़ी पड़वा’, जानें सही तिथि और इसका महत्व

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: ‘गुड़ी पड़वा’ (Gudi Padwa) इस वर्ष 02 अप्रैल, शनिवार को है। यह पर्व हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। ‘गुड़ी पड़वा’ का पर्व महाराष्ट्र और गोवा के अलावा, अन्‍य दक्षिण भारत के कुछ राज्‍यों में बहुत ही धूमधाम एवं श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। वहीं, उत्‍तर भारत में इस दिन से ‘नवरात्र’ का आरंभ होता है और 9 दिन तक मां दुर्गा की उपासना का पर्व चलता है। मान्‍यता है कि, इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। आइए जानें कैसे मनाते हैं यह त्‍योहार और क्‍या है इसका महत्‍व-

    तिथि एवं मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, 01 अप्रैल शुक्रवार को दिन में 11:53 बजे से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु हो रही है। यह तिथि अगले दिन 02 अप्रैल शनिवार को 11:58 बजे तक है। ऐसे में गुड़ी पड़वा 02 अप्रैल को मनाया जाएगा।

    ‘गुड़ी पड़वा’ पर इंद्र योग, अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 02 अप्रैल को इंद्र योग सुबह 08:31 बजे तक है। अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग 01 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 02 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 10 मिनट तक है। रेवती नक्षत्र गुड़ी पड़वा को दिन में 11:21 बजे तक है। उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरु होगा।

    महत्व

    महाराष्ट्र में ‘गुड़ी पड़वा’ का बहुत ही अधिक महत्व है। इस दिन घरों में मीठी रोटी बनाई जाती है। जिसे पूरन पोली कहा जाता है। पूरन पोली गुड़, नमक, नीम के फूल, इमली और कच्चा आम मिलाकर बनाई जाती है। गुड़ी पड़वा पर नीम खाने की भी परंपरा है। नीम कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सक्षम माना गया है। गुड़ी पड़वा पर भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान राम, मां दुर्गा और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।