बकरीद मनाने के पीछे ये है वजह, जानें क्या हैं कुर्बानी का कारण

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    नई दिल्ली : भारत विविधताओं से सजा देश हैं, यहां हर एक धर्म समुदाय बड़े धूमधाम से अपने त्यौहार मनाते हैं। आपको बता दें की अब कुछ दिनों बाद बकर ईद (Bakr Eid) आ रही हैं। मुसलमान भाईयों के लिए ये दिवाली जैसा खास त्यौहार होता हैं। इसे वे बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। हमारे सभी त्योहार को लेकर कुछ  धार्मिक मान्यताएं होती हैं।

    हर एक त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई कारण या इतिहास जुड़ा होता हैं। क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया है की बकर ईद क्यों मनाई जाती हैं, या इसके पीछे क्या इतिहास हैं। आज हम आपको इसी सवालों के जवाब देने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं बकर ईद मनाने के पीछे क्या वजह है, आखिर क्यों दी जाती हैं कुर्बानी……    

    क्यों मनाई जाती है बकर ईद?

    बता दें कि, ईद का यह त्यौहार मुसलमानों के पैगम्बर और हज़रत मोहम्मद के पूर्वज हजरत इब्राहिम की दी गई कुर्बानी को याद के तौर पर मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब हज़रत इब्राहिम अल्लाह की भक्ति कर रहे थे तो उनकी भक्ति से खुश होकर उनकी दुआ को कबूल किया था जिसके बाद अल्लाह ने उनकी परीक्षा ली। इस परीक्षा में अल्लाह ने इब्राहिम से उनकी सबसे कीमती और प्यारी चीज की बलि देने की मांग की।

    ये हैं बकर ईद की कहानी 

    कभी न कभी आपके मन में भी सवाल आया होगा की अल्लाह को बकरी की बली क्यों दी जाती हैं, तो आपके इस सवाल का जवाब आज हम देने वाले हैं। हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की बात मान कर अपनी सबसे प्यारी चीज यानी की अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने का निर्णय कर लिया। इसके बाद जब हजरत इब्राहिम अपने बेटे की बली देने जा रहे थे इतने में ही अल्लाह ने उनके बेटे की जगह एक बकरे को रख दिया जिसके बाद जो परीक्षा अल्लाह इब्राहिम की ले रहे थे वो सफल हो गया और इस दिन को बकरा ईद के रूप में मनाया जाने लगा।

    इस तरह मनाई जाती है बकर ईद 

    इस दिन सभी मुसलमान सुबह उठकर नमाज पढ़ने जाते हैं। इसके बाद अपने घर पर पल रहे बकरे की बली देते हैं और जिन लोगों के पास बकरा नहीं होता है वो खरीद कर बकरे को लेकर आते हैं और उनकी बलि देते हैं। बकरे की बली देने के बाद उसका मीट बनाया जाता है जिसके बाद सबसे पहले उसे गरीबों में दान किया जाता है इसके बाद दोस्तों और रिश्तेदारों को ईद मुबारक कहकर मीट दिया जाता है और कई लोग अपने घर में दावत देते हैं।