Gujarat court refuses to change order prohibiting Rath Yatra in Ahmedabad
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: भारत के चार पवित्र धामों में से एक पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर है। पंचांग के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकली जाती है। इस वर्ष जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023 ) का प्रारंभ 20 जून से होगा। भगवान जगन्नाथ गुंडीचा मंदिर जाएंगे।

जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जो कि विष्णु जी के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं। जगन्नाथ का अर्थ होता है जगत के नाथ। रथ यात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होती है। वहीं शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन होता है। हर साल इस रथ यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। देश-विदेश से लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं। लोगों का मानना है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं। ऐसे में आइए जानें इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत कब से हो रही है और इसका महत्व क्या है?

तिथि

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 20 जून को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन मंत्रोच्चारण और गाजे-बाजे के साथ निकली जाएगी। बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 20 जून को रात्रि 10 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगी और यात्रा का समापन 21 जून को शाम 7 बजकर 9 मिनट पर होगा।

महत्व

पुरी में होने वाले भव्य रथ यात्रा को देखने के लिए देश-विदेश से लोग इस सिद्ध नगरी में एकत्रित होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दर्शन से साधक को सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं बता दें कि पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मन्दिर की गणना विश्व-विख्यात चार धामों में की जाती है। ऐसे में इस स्थान पर पूजा-पाठ करने व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।