कर्ज से मुक्ति के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें भोलेनाथ की आराधना, इस विधि से करें पूजा
सीमा कुमारी
चैत्र महीने की ‘प्रदोष व्रत’ (Pradosh Vrat) आज यानी 29 मार्च, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इसलिए इस प्रदोष व्रत को ‘भौम प्रदोष व्रत’ या ‘मंगल प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही इस दिन मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है। जिसके कारण इस दिन का व्रत और भी ज्यादा मनवांछित फल प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।
माना जाता है कि, जो भी भक्त मंगल प्रदोष के दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा करने के साथ व्रत रखता है। उसे हर तरह के रोग, कर्ज आदि से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही जीवन में सुख,-समृद्धि, खुशहाली के साथ संतान की प्राप्ति भी होती है। आइए जानें ‘भौम प्रदोष’ व्रत का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस व्रत से होने वाले लाभ –
शुभ मुहूर्त
- त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 29 मार्च, मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर से शुरू
- त्रयोदशी तिथि का समाप्त: 30 मार्च बुधवार को दोपहर 01 बजकर 19 मिनट तक
- प्रदोष काल: 29 मार्च शाम 06 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट तक
पूजा-विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें। शिव पूजन के साथ प्रदोष व्रत का संकल्प लें और व्रत का पालन करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बेल पत्र और फूलों से सुसज्जित करें।
शवलिंग पर सफ़ेद फूल चढ़ाएं लेकिन भूलकर भी केतकी का फूल न चढ़ाएं।
पूरे दिन भगवान शिव का पूजन करें और साफ़ मन से व्रत का पालन करें।
प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शंकर की पूजा में ‘ऊं नम: शिवाय:’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
इसके बाद भगवान शिव की बेल पत्र, (शिवलिंग पर ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र) गंगाजल, अक्षत और धूप-दीप आदि समर्पित करें।
प्रदोष काल में एक बार पुनः स्नान करें और भगवान शिव को चंदन लगाकर विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा सुनें और पढ़ें।
भौम प्रदोष व्रत के लाभ
1. भौम प्रदोष व्रत रखने से अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। शारीरिक व मानसिक कष्टों का सामना करने वाले जातकों के लिए भौम प्रदोष व्रत लाभकारी माना गया है।
2. प्रदोष व्रत करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली की प्राप्ति होती है। धन लाभ के योग बढ़ते हैं। कर्ज से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
3. संतान प्राप्ति के लिए भी प्रदोष व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि संतान की कामना करने वाल दंपति को प्रदोष व्रत रखना चाहिए।