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    नई दिल्ली: आज मंगलवार 23 नवंबर 2021 को सबसे शुभ और महत्वपूर्ण अंगारक संकष्टी चतुर्थी है। आपको बता दें कि मार्गशीर्ष (अगहन मास) कृष्ण पक्ष में आने वाली इस चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जैसा की हम सब जानते है भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देवता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता है।  

    गणेश भगवान को बुद्धि का देवता माना जाता है। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान पूजा करने और व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी तरह के विघ्न ताल जाते है। आज अंगारक संकष्टी चतुर्थी के शुभ अवसर पर हम आपको इस दिन का विशेष महत्व और भगवान गणेश के पूजा के मंत्र बताने जा रहे है। आइए जानते है…. 

    अंगारक संकष्टी चतुर्थी का महत्व:

    दरअसल संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके और सेहत की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाए साथ ही जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे इसलिए इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 

    मंत्र :

    ॐ सुमुखाय नम:, सुंदर मुख वाले, हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे। 

    ॐ दुर्मुखाय नम:, मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो भैरव देख दुष्ट घबराए। 

    ॐ मोदाय नम:, मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले. उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जाएं। 

    ॐ प्रमोदाय नम:, प्रमोदाय दूसरों को भी आनंदित करते हैं। भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है। आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थाई होती हैं।