Sankashti Chaturthi

    Loading

    -सीमा कुमारी

    इस साल भाद्रपद यानी भादो महीने की ‘संकष्टी चतुर्थी’ (Sankashti Chaturthi) 15 अगस्त, यानी आज सोमवार को है। इसके अलावा, इस दिन ‘बहुला चतुर्थी ‘(Bahula Chaturthi) का पावन व्रत भी है। ऐसे में यह दिन हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए ख़ास महत्व रखता है। भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी को ‘हेरंब संकष्टी चतुर्थी’ भी कहते है।

    शास्त्रों के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है- संकटों को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी चतुर्थी को व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से संकट दूर होते है। मनोकामनाएं पूर्ण होती है। और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए जानें भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त के बारे में।

    भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी की तिथि

    पंचांग के अनुसार, 14 अगस्त रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट पर भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि लग रही है। इस तिथि का समापन 15 अगस्त सोमवार को रात 09 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानकर भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी 15 अगस्त कोई मनाई जाएगी।

    शुभ मुहूर्त

    15 अगस्त को संकष्टी चतुर्थी के दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11:59 बजे से लेकर दोपहर 12:52 बजे तक है। यह इस दिन का शुभ समय है। इस दिन सुबह से लेकर रात 11 बजकर 24 मिनट तक धृति योग है। इसे अधिकांश कार्यों में शुभ माना जाता है।

    ऐसे में आप को सुबह में संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा कर लेनी चाहिए। हालांकि रात्रि के समय चंद्रमा के उदय होने तक इंतजार करना होगा, क्योंकि चतुर्थी व्रत तभी पूर्ण माना जाता है, जब आप रात को चंद्रमा की पूजा कर लेते हैं।

    पूजा पाठ के लिए राहुकाल वर्जित होता है। इस समय में कुछ विशेष पूजा ही की जाती है।

    संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय

    भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का उदय रात 09 बजकर 27 मिनट पर होगा । और चंद्रमा का अस्त अगले दिन सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर होगा । जो लोग संकष्टी चतुर्थी व्रत रहेंगे, वे रात 09:27 बजे चंद्रमा को जल अर्पित करेंगे और पारण करके व्रत को पूरा करेंगे।