आज है ‘गायत्री जयंती’, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए यह दिन है बड़ा महत्वपूर्ण, ज़रूर जानें

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वेदों की जननी माता गायत्री (Gayatri Jayanti 2023) का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार ये जयंती आज यानी 31 मई  2023, बुधवार को है। कहते हैं, माता गायत्री को परब्रह्मस्वरूपिणि, वेद माता और जगत माता भी कहा जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर मां गायत्री प्राण-शक्ति के रूप में विद्यमान है, यही कारण है, माता गायत्री को सभी शक्तियों का आधार माना गया है।

‘गायत्री मंत्र’ हिंदू धर्म का सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। इस मंत्र को समझने और उसका जप करने से मनुष्य को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। जप करने से मनुष्य का मन शांत होता है, स्वस्थता बनी रहती है, सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और बुराई से दूर रहने की शक्ति मिलती है। आइए जानें ‘गायत्री जयंती’ की तिथि, पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

तिथि

इस साल गायत्री जयंती 31 मई 2023 को है, इस दिन ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत भी रखा जाएगा। छात्रों के लिए देवी गायत्री की पूजा अचूक मानी गई हैं। मान्यता है इस दिन मां गायत्री के मंत्र का यथाशक्ति जाप करने से बुद्धि में वृद्धि और तरक्की की राह आसान होती है।

शुभ मुहूर्त

 पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 मई 2023 को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 31 मई 2023 को  दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर इसका समापन होगा।

पूजा-विधि

 गायत्री जयंती के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

वस्त्र धारण करने के बाद मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।

इसके बाद मां गायत्री और समस्त देवी-देवताओं को प्रणाम करें व दीप प्रज्वलित करें।

मां गायत्री का ध्यान करते हुए पुष्प अर्पित करें।

इसके बाद आसन लगाकर वहीं पर गायत्री मंत्र का जाप करें।

जाप पूर्ण हो जाने के पश्चात मां को भोग लगाएं।

महत्व

सनातन धर्म में गायत्री जयंती का बड़ा महत्व हैं। गीता में कहा गया है कि यदि व्यक्ति ईश्वर को पाना चाहता है, तो उसे गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसी भी मान्यता है कि गायत्री माता वेदों की जननी हैं, इसलिए गायत्री मंत्र के स्मरण मात्र से वेदों के अध्ययन जितना फल प्राप्त हो जाता है। गायत्री माता की पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और दुख दूर हो जाते हैं।a