आज है महाशिवरात्रि, 30 साल बाद बन रहा शुभ संयोग

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    मुंबई: शनिवार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर इस वर्ष 30 साल बाद बेहद शुभ संयोग बन रहा है, जो देश दुनिया में व्यापक असर डालने वाला रहेगा। इससे पहले यह संयोग 1993 में बना था। साथ ही यह संयोग जातकों की हर मनोकामना पूरी करने वाला सिद्ध होगा। आध्यात्मिक दृष्टि के साथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी इस बार महाशिवरात्रि बेहद खास रहने वाली है। महाशिवरात्रि को लेकर मुंबई के बाबुलनाथ (‍Babulnath Temple) समेत सभी प्रमुख शिव मंदिरों को सजाने का काम जोरों पर चल रहा है। 

    इस साल महाशिवरात्रि व्रत के साथ ही शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। प्रदोष काल में भगवान शिव की संध्या कालीन पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मौजूद रहेंगे। यही नहीं सूर्यदेव भी कुंभ राशि में ही मौजूद रहेंगे। महाशिवरात्रि पर कुंभ में शनि-सूर्य की युति बड़ा परिवर्तनकारी योग बनाएगी। साथ ही शुक्र अपनी उच्‍च राशि मीन में मौजूद रहेंगे। इस तरह महाशिवरात्रि पर ग्रहों का बेहद शुभ संयोग शिव की अपार कृपा दिलाने वाला है। 

    महाशिवरात्रि पर बन रहे दुर्लभ संयोग

    इस दिन वाशी योग, सुनफा योग, शंख योग और शाम 05:41 बजे के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। साथ ही सूर्यदेव अपने पुत्र और शत्रु शनि की राशि कुंभ में चंद्रमा के साथ मौजूद रहेंगे। ग्रहों की यह स्थिति त्रिग्रही योग का निर्माण कर रही है। ग्रहों की यह दुर्लभ स्थिति खास लाभकारी होगी। इस दौरान शनिदेव के कुंभ राशि में अस्त होने से आर्थिक दृष्टि से यह बहुत ही बेहतर स्थिति होगी। 

    शनि त्रयोदशी का संयोग 

    महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत शिव को अति प्रिय है। इस साल महाशिवरात्रि के दिन ही शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है जिससे यह शनि त्रयोदशी का संयोग बन रहा है। प्रदोष व्रत के साथ इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। 

    त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 

    त्रयोदशी तिथि 17 फरवरी को रात 11:36 बजे से शुरू होगी जो अगले दिन 18 फरवरी को रात 08:02 मिनट तक रहेगी। चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी शनिवार को रात 08:02 मिनट से अगले दिन 19 फरवरी को शाम 04:18  मिनट तक रहेगी। चूंकि महाशिवरात्रि में शिव पूजा मध्य रात्रि (निशिता काल मुहूर्त) और रात्रि के चार प्रहर में होती है ऐसे में इस साल 18 फरवरी को सूर्योदय से लेकर अगले दिन 19 फरवरी को सूर्योदय तक भोलेनाथ को प्रसन्न करने का खास अवसर प्राप्त होगा। पूरे 24 घंटे शिव पूजा बेहद फलदायी होगी।

    शनि प्रदोष व्रत पूजा समय 

    • 18 फरवरी को शाम: 06:21-रात 08:02
    • सर्वार्थ सिद्धि योग: शाम 05:42 से 19 फरवरी की सुबह 07:00 बजे तक 

    शिव पूजा निशिता काल मुहूर्त 

    • प्रात: 12:15 से प्रात: 01:06 (19 फरवरी को)
    • प्रथम प्रहर-शाम 06:21-रात 09:31 (18 फरवरी को)
    • द्वितीय प्रहर- रात 09:31-19 फरवरी प्रात: 12:41 तक 
    • तृतीय प्रहर-सुबह 12:41-सुबह 03:51 (19 फरवरी को)
    • चतुर्थ प्रहर-सुबह 03:51-सुबह 07:00 (19 फरवरी को)