File Photo
File Photo

    Loading

    नई दिल्ली : आज संकष्टी चतुर्थी का पावन पर्व है। इस दिन का खास महत्व होता है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। मान्यता है की संकष्टी चतुर्थी का यह विशेष व्रत करने से सभी समस्याओं का नाश होता है और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। आपको बता दें की यह संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के आने वाले चौथे दिन मनाई जाती है। आइये जानते है संकष्टी चतुर्थी का महत्व और पूजा करने का मंत्र….. 

    संकष्टी चतुर्थी का महत्व 

    हम सबके लिए संकष्टी चतुर्थी के इस त्यौहार का महत्व अधिक है। इस दिन गणपति जी की पूजा करने से घर से सभी तरह के नकारात्मक प्रभाव दूर होते है। और सदा शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि घर में आ रहे सभी संकटों को बाप्पा दूर करते है। साथ ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है। आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र का दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। 

    सूर्योदय से आरंभ होने वाला व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। आपको बता दें कि पुरे साल भर में चतुर्थी के 13 व्रत होते है और इस व्रत को गणेश भक्त श्रद्धा के साथ रखते है। सभी व्रतों के लिए अलग-अलग कथा है। 

    संकष्टी चतुर्थी पूजा मंत्र 

    गणेश जी के सामने धूप-दीप जला कर इस मंत्र का जाप करें और बाप्पा की पूजा अर्चना करें। 

    गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।

    उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।