आज ‘चैत्र नवरात्र’ के तीसरे दिन है ‘मां चंद्रघंटा’ की पूजा, जन्म कुंडली में ग्रह-दोष से मुक्ति के लिए इस विशेष दिन करें विधिवत पूजा

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: आज यानी 24 मार्च चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को समर्पित नवरात्रि का तीसरा दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।  चैत्र नवरात्र में तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना करने का विधान है। मान्यता है कि,मां चंद्रघंटा को मान्यता अनुसार बेहद शांतिदायक और कल्याणकारी माना जाता है। कहते हैं जो भक्त मां चंद्रघंटा का पूजन करते हैं उन्हें आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और उन पर मां चंद्रघंटा की विशेष कृपा बरसती है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों का संहार करने के लिए अवतार लिया था और उनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियां है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा व धनुष धारण किए है। देवी मां के माथे पर अर्द्ध चंद्र विराजमान है जिसके चलते उन्हें अपना नाम चंद्रघंटा (Chandraghanta) नाम मिला है। राक्षसों का विनाश करने वाली मां चंद्रघंटा भक्तों के लिए शांत और सौम्य व्यक्तित्व की है। आइए जानें मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और महिमा –

पूजा विधि

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा कक्ष में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। माता रानी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। ‘मां चंद्रघंटा’ के व्रत और पूजा का संकल्प लें। मातारानी को गंगाजल से स्नान कराकर वस्त्र अर्पित करें, उनका श्रृंगार करें। माता को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप-दीप, पुष्प, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें। माता चंद्रघंटा को भोग के रूप में दूध से बनी चीजें चढ़ाई जाएं तो श्रेष्ठ है। ‘दुर्गा चालीसा’ का पाठ करें।

‘ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः’ मंत्र का जाप करें। माता की आरती करें। माना जाता है माता को दूध और मेवे की खीर प्रिय है। यह भी मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को दूध और चावल की खीर खिलाने और दान-पुण्य करने से माता अति प्रसन्न होती हैं और साधक के सभी दुखों का नाश करती हैं। भोग के रूप में यदि मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगाया जाए तो अति उत्तम है।

महिमा

ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आपको किसी तरह के शत्रुओं का डर सता रहा हो या कुंडली में ग्रह दोष की समस्या हो, मां चंद्रघंटा की कृपा से ये सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मां व्यक्ति के मन से हर तरह का डर दूर कर आत्मविश्वास का संचार करती हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा करने वाले साधक के चेहरे पर एक अलग ही तेज होता है। देवी मां की कृपा से सुंदर, निरोगी काया भी मिलती है।