आज है ‘वट सावित्री पूर्णिमा’, जानिए इस विशेष पूर्णिमा की महिमा और जानें तिथि, पूजा का सही मुहूर्त

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में ‘वट सावित्री व्रत’ का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार ‘वट सावित्री व्रत’ का दूसरा व्रत (Vat Savitri Purnima Vrat) आज यानी 3 जून 2023, शनिवार को है। यह व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में रखा जाता है। मान्यता है इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। इस व्रत की कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी है। कहते हैं, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से जीवित कराया था। 

तिथि

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 3 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 4 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 3 जून 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में रखा जाएगा।

इस साल वट सावित्री पूर्णिमा व्रत बेहद शुभ योग में पड़ रहा है। पूर्णिमा वट सावित्री व्रत के दिन शिवयोग रहेगा। कहते हैं इस योग में शुभ काम, पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

महिमा

पूर्णिमा और अमावस्या वट सावित्री व्रत में विशेष अंतर नहीं है। इस विशेष दिन पर शुभ मुहूर्त में सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए वृक्ष के चारों ओर रक्षा सूत्र बांधती हैं। इस विशेष दिन पर वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा क्योंकि मान्यता है वट वृक्ष में भगवान विष्णु वास करते हैं। इसलिए वट वृक्ष की पूजा करने से साधकों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।