Sankashti Chaturthi

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    -सीमा कुमारी

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर महीने में दो चतुर्थी (Chaurthi) तिथि आती है, जिन्हें भगवान श्री गणेश (Lord Ganesha) की तिथि माना जाता है। शुक्लपक्ष के दौरान अमावस्या (Amavsya) के बाद आने वाली तिथि विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi March 2021) कहलाती है, जो इस महीने आज यानी 17 मार्च, बुधवार को है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) का आशीर्वाद भी हमेशा बना रहता है।

    शास्त्रों के मुताबिक, श्री गणेश की पूजा के लिए बुधवार का दिन सबसे श्रेष्ठ एवं उत्तम माना जाता है। ऐसे में इस दिन विनायक चतुर्थी आने से यह दिन और भी अधिक खास हो गया है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में…

    शुभ मुहूर्त-

    • तिथि प्रारंभ: 16 मार्च मंगलवार, रात 8 बजकर 58 मिनट से
    • तिथि समाप्त: 17 मार्च बुधवार, रात 11 बजकर 28 मिनट तक
    • पूजा मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक

    पूजा विधि-
    इस दिन स्नान कर गणेश जी के सामने दोनों हाथ जोड़कर मन, वचन, कर्म से इस व्रत का संकल्प करना चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें। भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराने के बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।

    ऐसा माना जाता है कि तिल का लड्डू या मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं। गणेश जी की आरती करना न भूलें। गणेश चालीसा और मंत्रों का भी जाप करें।

    महत्व-
    शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। वहीं किसी भी शुभ काम की शुरूआत प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता गणेश जी के पूजन से ही होती है। भगवान गणेश जी की पूजा का विनायक चतुर्थी के दिन विशेष महत्व होता है। मान्यताएं हैं कि, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही हर तरह की बाधा भी समाप्त हो जाती है। इसी के चलते इन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है।