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    -सीमा कुमारी

    धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ‘बहुला चतुर्थी’ (Bahula Chaturthi 2022) का व्रत रखा जाता है। इस बार यह पावन तिथि 15 अगस्त, सोमवार को है। ये चतुर्थी साल में आने वाली 4 प्रमुख चतुर्थी में से एक है।

    मान्यता है कि, इस दिन गाय और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने और व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है। जो महिलाएं संतान वाली हैं, वे अपनी संतान की मंगल कामना के लिए यह व्रत रखती है।

    इस दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। इस बार ये तिथि सोमवार को होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि सोमवार भगवान शिव का वार है और चतुर्थी भगवान श्रीगणेश की तिथि। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन महिलाएं शाम को चंद्रमा देखने के बाद ही अपना व्रत पूर्ण करती हैं। आइए जानें बहुला चतुर्थी व्रत की पूजा का मुहूर्त, तिथि आदि के बारे में –

    तिथि

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 14 अगस्त दिन रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 15 अगस्त सोमवार को रात 09 बजकर 01 मिनट तक मान्य हैं। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर बहुला चतुर्थी व्रत 15 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन ‘स्वतंत्रता दिवस’ भी हैं।  

    पूजा मुहूर्त

    इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक हैं। इस दिन राहुकाल प्रात: 07 बजकर 29 मिनट से सुबह 09 बजकर 08 मिनट तक हैं। राहुकाल में पूजा वर्जित है, इसलिए राहुकाल के बाद या उससे पूर्व ही बहुला चतुर्थी की पूजा करें।

    पूजा विधि

    इस दिन प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें। उसके बाद बहुला चतुर्थी व्रत का संकल्प लें। दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रखें और शाम के समय में गौ पूजन करें। इस दिन उस गाय की पूजा करनी है, जिसका बछड़ा हो। साथ में भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करें। वे सबसे बड़े गौ रक्षक और सेवक थे। इस दिन गाय के दूध से बने खाद्य पदार्थ और दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। गौ पूजन के बाद ही आप पारण करेंगे।

    संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय

    जो लोग इस दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखते हैं, वे रात के समय चंद्रमा की पूजा करते  हैं। बिना चंद्रमा की पूजा किए यह व्रत पूर्ण नहीं होता हैं। 15 अगस्त के दिन चंद्रोदय का समय रात 09 बजकर 27 मिनट पर हैं।

    संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं। वे अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उनके दुखों को दूर करते हैं।

    ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, जो लोग बहुला चतुर्थी का व्रत रखते हैं उनको सदैव सत्य बोलना चाहिए। गो वंश को हानि न पहुंचाएं। अनाथ बच्चों और गो वंश की रक्षा करनी चाहिए।