Luv Kush Jayanti 2022
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    नई दिल्ली: भगवान (God) श्री राम (Shri Ram) को मर्यादा पुरुषोत्तम (Most dignified man) का प्रतीक माना जाता है। लव (Lav) और कुश (Kush) भगवान राम और माता सीता के ही जुड़वां बच्चे थे। रामायण में इनका उल्लेख किया गया है साथ ही यह भी बताया गया है की ये दोनों बाल रूप से ही कितने तेजस्वी थे। आज यानि 12 अगस्त को लव कुश जयंती मनाया जा रहा है। तो चलिए आज हम आपको बताते है लव कुश जयंती से जुड़ी कुछ जरुरी बातें। 

    क्यों मनाई जाती है लव कुश जयंती?

    भगवान श्रीराम के सुपुत्र लव और कुश के जन्म के खुशी में भारत वर्ष में लव कुश जयंती मनाई जाती है। उत्तर भारत के कुशवाह समुदाय का यह मानना है कि श्रावण पूर्णिमा के दिन उनके पूर्वज लव और कुश का जन्म हुआ था। कुशवाहा समाज लव कुश का जन्मोत्सव मनाकर गौरवान्वित होते हैं। इसलिए वो यह त्योहार धूमधाम से मानते हैं। 

    कैसे मनाई जाती है लव कुश जयंती

    बता दें, ज्यादार लव कुश जयंती को उत्तर भारत में मनाया जाता है। उत्तर भारत के कुशवाहा समाज के लोग इस दिन लव कुश की झांकी निकालते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि झांकी के साथ चलते-चलते जयकारे लगाए जाते हैं और पूरे शहर में मिठाईयां भी बांटी जाती है। लोगों में भरपूर उत्साह देखने को मिलता है।