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    -सीमा कुमारी

    हिन्दू धर्म में ‘रक्षाबंधन’ का पावन त्योहार विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार हर साल सावन महीने के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल रक्षा बंधन का त्योहार आज यानी 22 अगस्त रविवार को मनाया जा रहा है। 

    वैसे तो राखी का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें- अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि इस दिन देवताओं को भी राखी बांधने की एक विशेष परंपरा भी है। मान्यता है कि देवताओं को राखी बांधने से भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। आइए जानें किन –किन देवताओं को कौन- कौन सी राखी बांधने से मनोकामनाएं पूरी होती है।

    ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक,राखी का पर्व सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह सावन का  आखिरी द‍िन होता है। इसल‍िए इस द‍िन भगवान भोलेनाथ को राखी अवश्य बांधनी चाह‍िए। मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन श‍िवजी को नीले रंग का रक्षासूत्र बांधने से जीवन की सारी समस्‍याएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-संपन्‍नता का वास होता है।

    भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है।  इस लिए रक्षा बंधन के दिन भगवान विष्णु को हल्दी का तिलक लगाकर पीले रंग की राखी बांधनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु शीग्र प्रसन्न होते है। और भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते है।

    कहते है कि,पवनसुत संकटमोचक हनुमान जी को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए।  मान्‍यता अनुसार,  पवनपुत्र हनुमान जी को राखी बांधने से मंगल दोष दूर होते हैं और बल-बुद्धि मिलती है।ऐसे में हनुमान जी को  लाल रंग व स‍िंदूरी रंग का रक्षासूत्र बांधना चाह‍िए।

    रक्षा बंधन के दिन भगवान गणेश को लाल रंग की राखी बांधनी चाहिए। .क्योंकि श्री गणेश जी को लाल रंग बहुत पसंद है।  मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं तथा ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है।

    पौराण‍िक मान्‍यताओं के अनुसार राखी बांधने की परंपरा द्रौपदी के कन्‍हैया को रक्षासूत्र बांधने से ही हुई थी। कन्‍हैया जी द्रौपदी को अपनी बहन मानते थे और उनकी रक्षा का वचन भी दिया था। कथा के अनुसार, चीरहरण

    भगवान कृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रौपदी के मान-सम्‍मान की रक्षा की थी। मान्‍यता है क‍ि श्रीकृष्‍ण को हरे रंग की राखी बांधने  से वह जीवन की सारे दु:ख दूर कर देते हैं।