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हिन्दू धर्म (Hindu religion) के पावन व्रतों (Fast) में से एक है सकट चौथ (Sakat Chauth), जो कि इस साल 31 जनवरी (31 January) को रखा जाएगा। इस दिन को अनेकों नाम (Many Names) से जाना जाता है, जैसे तिलकुट चौथ, संकटा चौथ, माघ चतुर्थी, संकष्टि चतुर्थी आदि। सकट चौथ भगवान गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित व्रत है। इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु (Long Life) और तरक्की (Success) के लिए व्रत रखती हैं। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी के साथ भोले नाथ (Lord Shiva), माता पार्वती (Mother Parvati), कार्तिकेय (Kartikay), नंदी (Nandi) एवं चंद्रदेव (Chandra Dev) की भी पूजा (Worship) की जाती है। ऐसे में व्रती महिलाओं (Fasting women) को कुछ चीज़ों और नियमों (Rules) का बखूबी ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है वह नियम… 

सकट चौथ व्रत नियम- 

जल के छींटे- जब भगवान गणेश की पूजा कर रहे हों तो उस दौरान अर्घ्य देते समय ये ध्यान रखें कि अर्घ्य के जल के छींटे आपके पैर अथवा शरीर पर बिलकुल भी ना पड़ें।  

चंद्रमा को दें अर्घ्य- सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है। इसलिए चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना आप व्रत नहीं तोड़ सकते हैं। 

काले वस्त्र- महिलाएं सकट चतुर्थी के दिन और पूजा करते समय भूलकर भी काले वस्त्र धारण न करें। इस दिन पूजा के दौरान आप पीले या सफेद वस्त्र धारण करती हैं तो निश्चित ही आपको फल मिलेगा।

तुलसी- सकट चौथ के दिन ध्यान रखें कि तुलसी पत्ते को भगवान गणेश को अर्पण न करें। इससे भगवान नाराज़ हो सकते हैं। साथ ही पूजा करते समय गणेश भगवान को दुर्वा चढ़ाएं। 

खान-पान- शास्त्रों के अनुसार इस दिन ज़मीन के अंदर उगने वाले कंद मूल का सेवन भूलकर भी न करें। यही वजह है कि इस दिन मूली, प्याज़, चुकंदर और गाजर खाना नहीं चाहिए।