सूर्य ग्रहण 2020: 21जून को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद बना योग

Loading

दिल्ली. 21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है. इस सूर्य ग्रहण पर चंद्रमा सूर्य के करीब 99 फीसदी भाग को ढक लेगा. इस ग्रहण की कंकणाकृति राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड के उत्तरी भाग तथा पंजाब के दक्षिणी भाग के कुछ हिस्सों में दिखाई देगी. भारत के 23 राज्यों में यह ग्रहण खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण अफ्रीका, पूर्वी-दक्षिणी यूरोप, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य-पूर्वी एशिया के समस्त देशों में दिखाई देगा. इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है.

एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है. वहीं ज्योतिषियों के अनुसार 1 ही माह में 2 ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही महामारी लेकर आते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या पर यह ग्रहण लगने के कारण अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा. ग्रहण से पहले एक बार स्नान कर लें. उसके बाद ग्रहण के दौरान भगवान का जाप करें. कहते हैं इससे भगवान को बल मिलता है. इसके बाद दोबारा स्नान करने के बाद मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य करना चाहिए.  

चूड़ामणि योग युक्त ग्रहण

जब सूर्यग्रहण रविवार को और चन्द्र ग्रहण सोमवार को लगता है, तो वह ग्रहण चूड़ामणि योग युक्त हो जाता है. चूड़ामणि योग युक्त ग्रहण विशेष फलप्रद व सिद्धप्रद होता है. ज्योतिषों के अनुसार मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल जल तत्व की राशि मीन में स्थित होकर सूर्य,बुध,चंद्रमा और राहु को देखेंगे,जो अशुभ संकेत है. राहु और केतु तो सदैव उल्टी चाल ही चलते हैं,तो इस लिहाज से कुल 6 ग्रह वक्री रहेंगे. यह स्थिति पूरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी.

21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ण ग्रहण दिखेगा. 

इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा. इसके बाद 01:38 बजे ग्रहण समाप्त होगा. 

20 जून को लगेगा ग्रहण सूतक काल-

21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को रात्रि में 09:55 बजे लगेगा. 

यह सूतक काल ग्रहण खत्म होने तक रहेगा.

प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल सूतक काल के दौरान बंद रहेंगे.