-सीमा कुमारी
पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति का त्योहार ‘करवाचौथ’ 24 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। यह व्रत बहुत पवित्र है और पूरे दिन बिना पानी पिए मनाया जाता है। ‘करवा चौथ’ एक उपवास और अनुष्ठान का दिन है, जो मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। महिलाएं चंद्रमा, भगवान शिव और भगवान गणेश सहित उनके परिवार की पूजा करती हैं। इसलिए व्रत की गंभीरता को बनाए रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में आइए जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें –
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, सूर्योदय से पहले सरगी खाना चाहिए, जिसमें सास द्वारा दिए गए खाद्य पदार्थ शामिल हों। त्योहारों के लिए लाल, नारंगी और पीले रंग को शुभ माना जाता है। महिलाओं को इन रंगों की पोशाक को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। महिलाओं को इस दिन घर में किसी बड़े-बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही, पति के साथ भी प्रेम के साथ रहना चाहिए।
व्रत की सकारात्मकता के लिए महिलाओं को अपने भीतर और परिवार के सदस्यों के बीच शांति बनाए रखनी चाहिए।
इन कामों को करने से बचें
पूजा के लिए काले और सफेद रंग कपड़े पहनने की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए महिलाओं को इन रंगों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
इस दिन नुकीली चीजों के इस्तेमाल करने से भी बचें। सुई-धागे का काम बिलकुल भी ना करें। कढ़ाई, सिलाई या बटन टाकने का आज के दिन न करें तो बेहतर होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन साज-सज्जा और श्रृंगार की चीजों का आदान-प्रदान उचित नहीं है। ऐसे में इन कामों को करने से बचें।
इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। महिलाओं को इस दिन घर में किसी बड़े-बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही, पति के साथ भी प्रेम के साथ रहना चाहिए।
इस दिन महिलाओं को दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि, ऐसा करना शुभ नहीं होता है।