मुंबई हाईकोर्ट ने की सुनवाई, क्या वकीलों को मिल सकती है लोकल ट्रेन में सफर करने की इजाजत?

    Loading

    मुंबई : पिछले वर्ष से आयी कोरोना महामारी की वजह से सावधानी बरतते हुए मुंबई लोकल पूरी तरह बंद कर दिए गई थी। लेकिन कुछ वक्त बाद इसे शुरू किया गया लेकिन सिर्फ आपत्कालीन लोगों के लिए। मुंबई लोकल में फिलहाल आम लोगों को सफर की इजाजत नहीं है।  कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद मुंबई लोकल को आम लोगों के लिए शुरू करने की मांग काफी जोर पकड़ रही है।  मुंबईकरों के मन में भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि उन्हें मुंबई लोकल में सफर की इजाजत कब मिलेगी?(Mumbai High Court hearing, can lawyers get permission to travel in local train?)

    इन सबके बीच बंबई हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह मुंबई में वकीलों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों से अवगत है, लेकिन चिकित्सीय सलाह से परे उन्हें काम पर जाने के लिए लोकल ट्रेन सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे सकते। 

    सरकार ने दिया निर्देश 16 जुलाई तक ले फैसला  

    मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की एक पीठ ने हालांकि महाराष्ट्र सरकार को 16 जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया कि क्या हाईकोर्ट के 60 पंजीकृत न्यायिक क्लर्क को Mumbai Local Train का उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं? क्योंकि उच्च न्यायालय वर्तमान में केवल परिसर में आकर मामले दायर करने की अनुमति दे रहा है। 

    पिछली सुनवाई में नहीं मिली अनुमति 

    हाई कोर्ट वकीलों को अदालतों और उनके कार्यालयों तक जाने के लिए लोकल ट्रेन सेवाओं (Mumbai Local Update) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पीठ ने कहा कि एक जुलाई को प्रशासनिक समिति की बैठक के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को न्यायिक क्लर्क को अनुमति देने के सबंध में फैसला करने का निर्देश दिया था। उसने राज्य में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने तक वकीलों को ट्रेनों का उपयोग करने की अनुमति ना देने का फैसला किया था। 

    16 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

    पीठ ने मंगलवार को राज्य की स्थायी वकील पूर्णिमा कंथारिया को राज्य का निर्णय बताने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील श्याम देवाणी ने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि वकीलों को भी कार्यालय आने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर पीठ ने कहा, ‘यह ना सोचो कि हमें वकीलों की परेशानियों की चिंता नहीं है, लेकिन हम चिकित्सा सलाह से परे नहीं जा सकते। हमने राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य संगठन ‘महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल’ से वकीलों की परेशानी को लेकर सलाह ली है। ’अदालत ने इस मामले में अब 16 जुलाई को आगे सुनवाई करेगा। मालूम हो कि मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाएं केवल आपात सेवाओं में लगे लोगों के लिए चलाई जा रही है