मकर संक्रांति पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है सूर्य प्रतिमा पर, भारत में प्रसिद्ध है ये मंदिर

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मकर संक्रांति का पर्व पूरे देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में इस त्यौहार का बहुत महत्व है। इस दिन लोग कई मंदिरों के दर्शन करने भी जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ आज यानी मकर संक्रांति के दिन सुबह से भीड़ उमड़ पड़ती है। इस मंदिर का मकर संक्रांति से विशेष रूप से संबंध है। आज के दिन इस मंदिर में सबसे पहले सूर्य की किरण सूर्य देव की मूर्ति पर पड़ती है। 

सुबह 3 बजे खुल जाता है मंदिर-

यह मंदिर मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में स्थित है। यह अतिप्राचीन नवग्रह का मंदिर है। आज के दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ इस शानदार दृश्य को देखने के लिए आती है। मकर संक्रांति पर सूर्य मंदिर में सूर्य की पहली किरण मंदिर के गुंबद से होते हुए भगवान सूर्य की मूर्ति पर पड़ती है। संक्रांति पर प्राचीन नवग्रह मंदिर में सुबह 3 बजे से लोगों की भीड़ लग जाती है। 

मकर संक्रांति पर मंदिर का महत्व-
नवग्रह मंदिर के पंडित लोकेश जागीरदार के अनुसार, मकर संक्रांति सूर्य की अगवानी का पर्व होता है और नवग्रह मंदिर में सूर्य प्रधान है। यहां गर्भ गृह में सूर्य की मूर्ति बीच में विराजित है और सूर्य मूर्ति के आसपास अन्य ग्रह हैं। वहीं मकर संक्रांति पर सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है, ताकि नवग्रह की कृपा बनी रहे। 

600 साल पहले हुई स्थापना-
नवग्रह मंदिर की वजह से मध्यप्रदेश के खरगोन को नवग्रह नगरी भी कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना 600 साल पहले हुई है। इसकी स्थापना शेपाप्पा सुखावधानी वैरागकर ने की थी। वह मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले थे, साथ ही वह अष्टम् महाविद्या बगलामुखी देवी के उपासकर थे। इस मंदिर की संरचना बेहद खुबसूरत है और यहाँ आये दिन श्रद्धालु की भीड़ देखी जा सकती है।