दुनिया के ये 5 खूबसूरत द्वीप 21 वीं सदी तक हो सकते हैं गायब! जानें क्या है कारण 

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नई दिल्ली : वर्तमान में आधुनिकीकरण और औद्योगीकरण की वजह से पर्यावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है। पर्यावरण में हो रहे इस बदलाव की वजह से अनेक समस्या उत्पन्न हो रही है , इसमें से ही एक ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती के अंदर लगातार हलचल बढ़ रही है।इस बढ़ते हलचल की वजह से दुनिया भर में भारी वर्षा , बाढ़ , सूखा , तूफान ,चक्रवात जैसी आपात स्थिति की समस्या बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा ये भी बताया जा रहा है कि , इससे ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघलेगी और समुद्र का पानी बढ़ता जायेगा।

इसका नतीजा ये होगा कि समुद्र में बने द्वीपों समेत समुद्री किनारे बसे शहर भी पानी में डूब जायेंगे। काफी समय पहले अमेरिकी वैज्ञानिक बेनो गुटेनबर्ग द्वारा की गई स्टडी में ये बात सामने आई थी कि समुद्र का पानी काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए गुटेनबर्ग ने बीते 100 सालों के डाटा का अध्य्यन किया था। ध्रुवीय बर्फ के पिघलने से समुद्र का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। नब्बे के दशक में नासा ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।मुद्र में बढ़ते जलस्तर से सबसे ज्यादा खतरा खूबसूरत द्वीपों के डूबने को लेकर है। ऐसे कई द्वीप हैं, जो अगले 6 दशक से भी कम समय में पानी में समा जाएंगे।  तो आइए जानते हैं उन द्वीपों के बारे में… 

1. मालदीव

मालदीव एक ऐसी जगह है , जो खूबसूरती से परिपूर्ण है , सैलानियों के लिए स्वर्ग कहलाने वाले इस द्वीप के बारे में लगभग सभी एशियाई जानते होंगे। इस द्वीप को हिंद महासागर की शान भी कहते हैं। यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए शानदार रिजॉर्ट और यहां तक कि पानी के भीतर होटल भी बने हुए हैं। लेकिन वर्ल्ड बैंक समेत कई संस्थाओं को इस बात का डर सता रहा है कि जिस हिसाब से आसपास के समुद्रों का पानी बढ़ रहा है, आने वाले अगले सदी तक ये द्वीप देश पानी में समा सकता है।

2. माइक्रोनेशिया

यह एक महाद्वीप है जो कई द्वीपों को मिलकर बना है। प्रशांत महासागर में स्थित माइक्रोनेशिया एक द्वीपीय देश है। हवाई से लगभग 2500 मील की दूरी बस बसा ये द्वीप समूह 607 द्वीपों से मिलकर बना है। आपको बता दें कि इसका केवल 270 वर्ग मील हिस्सा ही जमीन का है, जिसमें पहाड़ और बीच भी शामिल हैं। माइक्रोनेशिया के भी कई द्वीप समुद्र के जलस्तर बढ़ने की वजह से डूब चुके हैं, जबकि कई द्वीपों का आकार लगातार छोटा होते जा रहा है। इस द्वीप पर भी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है।

3. पलाउ

   

पलाउ यह द्वीपीय देश भी ग्लोबल वार्मिंग का शिकार हो सकता है , प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश पलाऊ भी जलमग्न होने के कगार पर है। साल 1993 से यहां के समुद्र का पानी हर साल लगभग 0.35 इंच बढ़ रहा है। अगर गर्मी इसी रफ्तार से बढ़ती रहेगी, तो आने वाले समय में जलस्तर सालाना 24 मीटर की गति से ऊपर आने लगेगा। विशेषज्ञों के एक अनुमान के मुताबिक, ये हाल 2090 तक हो सकता है। इसके बाद प्लाऊ द्वीप को बचाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

4 . सोलोमन द्वीप

दक्षिणी प्रशांत महासागर में लगभग 1000 द्वीपों से मिलकर बना ये समूह काफी तेजी से पानी में डूब रहा है। रीडर्स डाइजेस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1993 से, यानी जब से इसपर नजर रखने की शुरुआत हुई, इस द्वीप समूह के आसपास का पानी हर साल 8 मिलीमीटर ऊपर आ रहा है। इतना ही नहीं इस द्वीप समूह के 5 द्वीप डूब चुके हैं। इस वजह से भविष्य में इसके डूबने का डर सता रहा है। 

5. फिजी

दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित ये खूबसूरत द्वीप भी ग्लोबल वार्मिंग के कारण खतरे में है। यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज के मुताबिक, ध्रुवीय बर्फ पिघलते हुए इसे भी अगले कुछ दशकों में समुद्र के भीतर ले जाएगी। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ये 5  खूबसूरत द्वीप मिटने की कगार पर है।