सीमा कुमारी
हर साल ‘धनतेरस’ (Dhanteras) का पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन को ‘धन त्रयोदशी’ या ‘धनवंतरि जयंती’ भी कहा जाता है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी, भगवान धनवन्तरी और धन कुबेर की उपासना करने से घर में धन के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं। इस वर्ष धनतेरस का त्योहार 02 नवंबर दिन मंगलवार को है। इस दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, घर, प्लॉट आदि की खरीदारी करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में इन वस्तुओं की खरीदारी धन, वैभव में वृद्धि करने वाला माना जाता है।
हालांकि ‘धनतेरस’ पर कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जिन्हें करने से बिल्कुल बचना चाहिए। अगर आप गलती से भी वो काम करते हैं, तो हो सकता है कि आप पर माता लक्ष्मी की कृपा न हो। आइए जानें इस सीन क्या-क्या करने से बचना चाहिए ?
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, दिवाली और धनतेरस के दिन किसी को भी रुपये उधार नहीं देना चाहिए। मान्यता है कि, ऐसा करने से अपनी लक्ष्मी दूसरे के पास चली जाती हैं। हालांकि जरुरतमंद की मदद करना भी पुण्य का काम होता है।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक, घर के मुख्य दरवाजे का बहुत ही महत्व है। उसे सकारात्मकता का वाहक माना जाता है। घर के मुख्य दरवाजे के ठीक सामने कोई पेड़, बीम या कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। प्रवेश आसान होना चाहिए। घर के मुख्यद्वार को सजाकर रखें और वहां पर जूता-चप्पल नहीं रखना चाहिए। धनतेरस और दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का आगमन मुख्यद्वार से ही होगा। ऐसे में उसे साफ, सुथरा और सुंदर रखें।
ऐसा कहा जाता है कि, माता लक्ष्मी उस स्थान पर ही निवास करती हैं, जो साफ-सुथरी और सकारात्मक वातावरण वाली हो। ऐसे में आपको भी दिवाली और धनतेरस पर घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। ध्यान रखें कि घर में कूड़ा, रद्दी और गंदगी न हो।
धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ होता है, परंतु इस दिन शीशे, लोहे और स्टील के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। धनतेरस के दिन शीशे, लोहे और स्टील के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है।