
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: अभी ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2023) का पावन पर्व चल रहा है और हर दिन मां दुर्गा के एक नए स्वरूप की पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की जा रही हैं। चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा की कृपा पाने का उत्तम एवं शुभ अवसर भी हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करने से मां दुर्गा भक्तों के सभी मनोकामनाओं को जल्द पूरा कर देती हैं। आइए जानें ‘दुर्गा सप्तशती’ की महिमा के बारे में-
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘दुर्गा सप्तशती’ के पाठ में 13 अध्याय है, जिसमें मां दुर्गा की महिमा का वर्णन मिलता हैं। ऐसी मान्यता है, जो भक्त नवरात्रि में ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और सपन्नता का वास होता है।
नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है। नवरात्रि के हर दिन स्नान करके साफ-सुथरा वस्त्र पहनें और जहां पर कलश स्थापित हो, वहां पर बैठकर मां दुर्गा की प्रतिमा को फूल चढ़ाएं और कुमकुम से माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद धूप-दीप जलाएं। ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेशजी की पूजन-अर्चना करें। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने बैठकर ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ आरंभ करें।
‘दुर्गा सप्तशती’ पाठ के मंत्र
कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए-
1. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥
संकट से मुक्ति के लिए
2. रक्तबीजवधे देवी चण्डमुण्ड विनाशनी। रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
रोगों से मुक्ति के लिए
3. स्तुवद्भ्यो भक्तिपूर्वं त्वां चण्डिके व्याधिनाशिनि। रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
जल्द विवाह के लिए
4. पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। तारिणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोभ्दवाम्॥
नौकरी और कार्यस्थल में पदोन्निति के लिए
5. वन्दिताप्राधियुगे देवी देव सौभाग्यदायिनी रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
सौभाग्य प्राप्ति के लिए
6. देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥