sawan Shivratri
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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: हर वर्ष फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri) का महापर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ काफी खास योग बन रहे हैं। ऐसे में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही दांपत्य जीवन में भी प्यार बना रहता है। इस दिन लोग पूरी आस्था और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। भगवान भोलेनाथ को पसंद आने वाली चीजें जैसे भांग, धतूरा, बेलपत्र और आक के फूल चढ़ाते हैं।

    लेकिन, इस दिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसी चीजें है जिन्हें भगवान शिव को चढ़ाना वर्जित है। आइए जानें उन चीजों के बारे में जिनका इस्तेमाल शिव पूजा में बिल्कुल नहीं करना चाहिए-

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि हल्दी को स्त्री तत्व माना जाता है। इसे महिलाएं सौंदर्य के रूप में इस्तेमाल करती हैं।

    पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव शंकर ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है।

    भगवान शिव को तुलसी भी नहीं चढ़ानी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, मां तुलसी का नाम वृंदा था, जो राक्षस जालंधर की पत्नी थी। राक्षस जालंधर के कोहराम से परेशान होकर भगवान शिव ने उसका वध कर दिया था। ऐसे में वृंदा ने दुखी होकर शिव जी का शाप दे दिया था कि आपकी पूजा में मेरा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस कारण तुलसी दल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है।

    सिंदूर, कुमकुम और रोली भी शिवलिंग पर नहीं लगाई जाती है। भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है और सिंदूर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए लगाती हैं। इसलिए भगवान शिव पर सिंदूर चढ़ाना अशुभ माना जाता है। इसके स्थान पर शिव जी को चंदन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, भगवान शिव को केतकी का फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि केतकी से ब्रह्मा जी का साथ देते हुए झूठ बोला था। इसी के कारण शिव जी ने उन्हें शानम दे दिया था कि उनकी पूजा में तुम्हारा इस्तेमाल नहीं होगा। इसके अलावा भगवान शिव को लाल रंग के फूल, कनेर, चंपा, कमल आदि भी नहीं चढ़ाएं जाते हैं। शिवलिंग में नारियल और नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है। क्योंकि नारियल को श्रीफल कहा जाता है, जो मां लक्ष्मी का स्वरूप है।