माह सितंबर 2021 की ग्रहस्थति

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माह सितम्बर 2021 की ग्रहस्थति, विशेष योग, पर्व और मुहूर्त :-
ज्योतिषाचार्य पं0 नारायणशंकरनाथूराम व्यास,
कोतवाली बाजार जबलपुर ;1ध्4द्धमप्र0;1ध्2द्ध
मो0नं0 098266-21998

सितम्बर मास का आरंभ भाद्रपद कृष्ण दशमीं बुधवार संवत 2078 को हो रहा है, मंगलवार ता. 07 सितम्बर को भाद्रपद अमावस्या को कृष्ण पक्ष की समाप्ति होगी। अमांत परंपरा वाले क्षेत्रों गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी प्रदेशों में इसे श्रावण मास का कृष्ण पक्ष माना जावेगा। बुधवार ता. 08 सितम्बर से आरम्भ होने वाला भाद्रपद मास का शुक्ल पक्ष होगा, जिसकी समाप्ति भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा सोमवार ता. 20 सितम्बर को होगी। मंगलवार ता. 21 सितम्बर से आरम्भ होने वाला आश्विन मास का कृष्ण पक्ष होगा, जिसकी समाप्ति आश्विन कृष्ण अमावस्या बुधवार ता. 06 अक्टूबर को होगी, अमांत परंपरा वाले क्षेत्रों गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी प्रदेशों में इसे भाद्रपद मास का कृष्ण पक्ष माना जावेगा। आश्विन कृष्ण नवमीं गुरूवार ता. 30 सितम्बर को सितम्बर मास की समाप्ति होगी।
।। अयन गोल और ऋतु ।।
इस मास में सूर्य दक्षिणायन की यात्रा पर उत्तर गोल में रहेगा, ऋतु वर्षा ता0 18 सें शरद ऋतु होगी।
।। दिनमान ।।
इस मास के आरंभ में सूर्योदय 5 बजकर 45 मिनिट पर होगा, और सूर्यास्त 6 बजकर 15 मिनिट पर होगा, दिन की अवधि 12 घंटे 30 मिनिट और रात की अवधि 11 घंटे 30 मिनिट होगी, ता0 30 को सूर्योदय 6 बजकर 5 मिनिट पर होगा, और सूर्यास्त 5 बजकर 55 मिनिट पर होगा, इस अवधि में दिन की अवधि 11 घंटे 50 मिनिट और रात की अवधि 12 घंटे 10 मिनिट होगी, इस मास में ता0 1 सें 30 तक दिन की अवधि 40 मिनिट कम होगी, और रातें 40 मिनिट अधिक होंगी, अर्थात सूर्योदय दक्षिणायन होने के कारण दिन छोटे और रातें क्रमश: बड़ी होंगी।
।। ग्रहस्थिति ।।
इस मास सूर्य सिंह राशि में ता0 17 को 4 बजकर 34 मिनिट दिन से कन्या राशि में, मंगल सिंह राशि में ता. 5 को 3 बजकर 14 मिनिट रात से कन्या राशि में, बुध कन्या राशि में, ता0 21 को 7 बजकर 23 मिनिट रात से तुला राशि में, ता0 27 को 5 बजकर 47 मिनिट शाम से वक्री, वक्री गुरू कुम्भ राशि में ता0 14 को 3 बजकर 34 मिनिट दिन से मकर राशि में, शुक्र कन्या राशि में, ता0 5 को 10 बजकर 22 मिनिट रात से तुला राशि में, वक्री शनि मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में और केतु वृश्चिक राशि में भ्रमण करेगा।
।। विविध मुहूर्त ।।
इस मास कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं।
।। सूर्य नक्षत्र भ्रमण ।।
इस मास सूर्य पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में, ता. 14 को 6 बजकर 27 मिनिट प्रात: से उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में संज्ञा- स्त्री-नपुंसक, सूर्य-सूर्य, वाहन-महिष ;3ध्4द्ध अनावृष्टि, ता. 27 को 9 बजकर 49 मिनिट रात से हस्त नक्षत्र में संज्ञा- स्त्री-पुरूष, सूर्य-सूर्य, वाहन-अश्व ;3ध्4द्ध वर्षा श्रेष्ठ।
।। सूर्य कन्या संक्रांति ।।
सूर्य कन्या राशि में तारीख 17 को 4 बजकर 34 मिनिट दिन से प्रवेश करता है।
।। गुरू शुक्र तारा ।।
इस मास गुरू का उदय पूर्व में शुक्र का उदय पश्चिम में।
।। पुष्य नक्षत्र ।।
ता0 3 को 3 बजकर 56 मिनिट दिन से ता0 4 को 5 बजकर 19 मिनिट शाम तक, ता0 30 को 11 बजकर 4 मिनिट रात से पुष्य नक्षत्र प्रारम्भ होगा जो आगामी दिन तक रहेगा।
।। पंचक ।।
ता0 18 को 3 बजकर 56 मिनिट दिन से ता0 23 को 6 बजकर 58 मिनिट प्रात: तक पंचक रहेगें।

।। जैन पर्व ।।
दिगम्बर जैन पर्व-
ता. 5 को रवि व्रत,
ता. 7 को लब्धिविधान व्रत प्रारम्भ,
ता. 9 को रोट तीज, त्रिलोक तीज व्रत,
ता. 10 को लब्धि विधान व्रत समाप्त,
ता. 11 को पयूर्षण पर्व प्रारंभ, पुष्पांजली व्रत प्रारंभ, दशलक्षण व्रत प्रारंभ, ऋषि पंचमीं,
ता. 13 को शील सप्तमीं
ता. 15 को पुष्पांजली व्रत समाप्त,
ता. 16 को सुगंध दशमीं, अनंत व्रत प्रारंभ।
ता. 18 को रत्नत्रय व्रत प्रारम्भ,
ता. 19 को पयूर्षण पर्व समाप्त, दशलक्षण व्रत समाप्त, अनंत व्रत समाप्त,
ता. 20 को क्षमा वाणीं, रत्नत्रय व्रत पूर्ण।
ता. 21 को षोडषकारण व्रत समाप्त
ता. 27 को रोहिणी व्रत,
श्वेताम्बर जैन पर्व-
ता. 5 को पर्यूषण महापर्व प्रारम्भ
ता. 6 को पाक्षिक प्रतिक्रमण
ता. 7 को श्री महावीर स्वामी जन्म वाचन,
ता. 8 को तेलाघर
ता. 10 को संवत्सरीय महापर्व प्रतिक्रमण, मूल सूत्र वाचन
ता. 14 को दुबली आठम
ता. 19 को पाक्षिक प्रतिक्रमण।
मुस्लिम त्यौहार –
ता. 28 को चेहल्लुम।

।। पितृपक्ष ;1ध्4द्धता. 21 सितंबर से 6 अक्टूबर तक ;1ध्2द्ध ।।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के 15 दिन पितृपक्ष के नाम से विख्यात है, इन 15 दिनों में लोग अपने पित्रों को जल देते हैं, तथा उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करते हैं, शास्त्रों में मनुष्यों के लिये देव ऋण से तीन ऋण बताये गये हैं, इनमें श्राद्धक द्वारा पितृऋण का उतारना आवश्यक है, क्योंकि जिन माता पिता ने हमारी आयु, आरोग्य और सुख सौभाग्य अभिवृद्धि के लिये अनेक यत्न और प्रयास किये उनके ़ऋण मुक्त न होने पर हमारा जन्म धारण करना निरर्थक है, श्राद्ध का अर्थ है, श्रद्धा से जो कुछ किया जावे, पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण वर्षभर प्रसन्न रहते हैं, देवताओं तथा ऋषियों को जल देने के अनंतर पितृों को जल देकर तृप्त किया जाता है, यद्यपि प्रत्येक अमावास्या पितृ की पुण्यतिथि है, तथापि आश्विन की अमावास्या पितरों के लिये परम फलदायी है, इस प्रकार पितृ पक्ष की नवमीं को माता के श्राद्ध के लिये पुण्यदायी माना गया है, श्राद्ध के लिय सबसेे पवित्र स्थान ‘गया‘ तीर्थ है, पितरों को पिण्डदान करने वाला गृहस्थ दीर्घायु पुत्रपौत्रादि, यश, स्वर्ग, पुष्टि, बल, लक्ष्मी, पशु, सुख, साधन एवं धन धान्यादि की प्राप्ति करता है, और राज्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माह सितम्बर 2021 के मुख्य व्रत-त्यौहार एवं जयंती दिवस
बुध ता. 01 भद्रा 3 बजकर 9 मिनिट दिन से 4 बजकर 2 मिनिट रातअंत तक, सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से 11।49 दिन तक,
गुरू ता. 02 सर्वार्थसिद्धि योग 2 बजकर 4 मिनिट दिन से प्रारम्भ, जया अजा एकादशी व्रत, गुरू ग्रंथ साहिब प्रकाश दिवस,
शुक्र ता. 03 सर्वार्थसिद्धि योग 3 बजकर 56 मिनिट दिन तक, गोवत्स द्वादशी, ओम द्वास, बछ बारस,
शनि ता. 04 प्रदोष व्रत, दादा भाई नौरोजी जयंती,
रवि ता. 05 भद्रा 6 बजकर 58 मिनिट प्रात: से 6 बजकर 56 मिनिट शाम तक, शिवचर्तुदशी व्रत, डाॅ0 राधाकृष्णन जयंती, शिक्षक दिवस, मदर टेरेसा पुण्य तिथि,
सोम ता. 06 कुशोत्पाटिनी अमावस्या, पोला पिठोरा, महाकाल सवारी उज्जैन,
मंगल ता. 07 तान्हा पोला
बुध ता. 08 सर्वार्थसिद्धि योग 6 बजकर 2 मिनिट शाम से रातअंत तक, बाबू दोज, विश्व साक्षारता दिवस, माँ बेलांकनी पर्व
गुरू ता. 09 हरितालिका तीज व्रत, वाराह जयंती, गुरू रामदास पुण्य तिथि,
शुक्र ता. 10 भद्रा 1 बजकर 12 मिनिट दिन से 12 बजकर 11 मिनिट रात तक, विनायकी गणेश चतुर्थी व्रत, चन्द्रदर्शन निषेध,
शनि ता. 11 सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से 2 बजकर 33 मिनिट दिन तक, ऋषि पंचमीं, संत विनोवाभावे जयंती, भारतेन्दु जयंती,
रवि ता. 12 मौरयाई छठ, सूर्य षष्ठी, ललिता षष्ठी व्रत,
सोम ता. 13 भद्रा 5 बजकर 5 मिनिट शाम से 3 बजकर 52 मिनिट रात तक, सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से 11 बजकर 15 मिनिट दिन तक, संतान सप्तमीं, मुक्ता भरण सप्तमीं, स्वामी ब्रम्हानंद लोधी निर्वाण दिवस
मंगल ता. 14 राधाष्टमीं, दूर्वाष्टमीं, महालक्ष्मी व्रतारम्भ, हिन्दी दिवस, दधीचि जयंती,
बुध ता. 15 श्री चंद्र जयंती, इंजीनियर डे, विश्ववरैया जयंती,
गुरू ता. 16 भद्रा 9 बजकर 16 मिनिट रात से प्रारम्भ, दशावतार व्रत
शुक्र ता. 17 भद्रा 8 बजकर 21 मिनिट दिन तक, सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से 4 बजकर 36 मिनिट रातअंत तक, डोल ग्यारस, पदमा एकादशी व्रत, श्रावण द्वादशी, वामन द्वादशी, विश्वकर्मा पूजा
शनि ता. 18 द्विपुष्कर योग सूर्योदय से 6 बजकर 47 मिनिट प्रात: तक, राजा शंकरशा, रघुनाथ शाह शहीद दिवस,
रवि ता. 19 भद्रा 4 बजकर 56 मिनिट रातअंत से प्रारम्भ, अनंत चर्तुदशी व्रत, भातखंडे पुण्य तिथि, गुरू अमरदास पुण्य तिथि,
सोम ता. 20 भद्रा 4 बजकर 50 मिनिट दिन तक, स्नानदान व्रत पूर्णिमा,
मंगल ता. 21 सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से 5 बजकर 28 मिनिट रातअंत तक, पितृ तर्पण प्रारम्भ,
गुरू ता. 23 भद्रा 6 बजकर 32 मिनिट शाम से प्रारम्भ, सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से प्रारम्भ,
शुक्र ता. 24 भद्रा 7 बजकर 10 मिनिट प्रात: तक, सर्वार्थसिद्धि योग 8 बजकर 50 मिनिट दिन तक, श्री गणेश व्रत,
शनि ता. 25 पं0 दीनदयाल उपाध्याय जयंती, संत गणेश प्रसाद वर्णी पुण्य तिथि
रवि ता. 26 संत तुकडो जी महाराज पुण्य तिथि,
सोम ता. 27 भद्रा 12 बजकर 55 मिनिट दिन से 1 बजकर 55 मिनिट रात तक, सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से रातअंत तक, अमृतसिद्धि योग 4 बजकर 14 मिनिट दिन से रातअंत तक, विश्व पर्यटन दिवस,
मंगल ता. 28 द्विपुष्कर योग सूर्योदय से 2 बजकर 57 मिनिट दिन तक, श्रीमहालक्ष्मीं व्रत ;1ध्4द्धचन्द्रोदय व्यापिनी;1ध्2द्ध,
बुध ता. 29 जीवत्पुत्रिका व्रत, विश्व हृदय दिवस
गुरू ता. 30 सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से रातअंत तक, अमृतसिद्धि योग 11 बजकर 4 मिनिट रात से रातअंत तक, सौभाग्यवती श्राद्ध, मातृ नवमीं, बैंक अर्धवार्षिकी लेखा-बंदी।

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