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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: हिंदू धर्म में अपराजिता के फूल को बहुत ही शुभ माना जाता है। आयुर्वेद में इस फूल को विष्णुक्रांता, गोकर्णी जैसे नामों से भी जाना जाता है। देखने में यह फूल बिल्कुल मोर पंख फूल के जैसे लगता है। अपराजिता का फूल भगवान विष्णु को बहुत ही पसंद होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता के फूल को लगाने के कुछ नियम बताए गए हैं। तो आइए जानें इस बारे में-

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, अपराजिता का पौधा घर में लगाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में अपराजिता का पौधा होता है, वहां न्यायमूर्ति शनि देव के कृपा हमेशा रहती है। पैसे की भी उस घर में कोई कमी नहीं रहती।

    कहते हैं कि, अपराजिता के पौधे को घर में लगाने से व्यक्ति पर आने वाला किसी भी तरह का संकट कम हो जाता है। घर में सुख-शांति भी बनी रहती है। पैसे की भी कोई कमी नहीं रहती। पैसे की कमी है दूर करने के लिए आप सोमवार या फिर शनिवार के दिन अपराजिता के 3 फूल पानी बहते हुए पानी में फैंकें। इससे आपको धन लाभ होगा।

    ज्योतिषियों का मानना है कि अगर प्रमोशन या नई नौकरी पाने का हर प्रयास विफल हो रहा है, तो इंटरव्यू से पहले अपराजिता के 6 फूल, फिटकरी के 5 टुकड़े और कमर पर पट्टी बांधकर देवी मां को अर्पित करें। फिर अगले दिन उस बेल्ट को किसी लड़की को दे दें और फूलों को पानी में बहा दें। वहीं फिटकरी के टुकड़े जेब में रखें और इंटरव्यू के लिए जाएं। आपको सफलता अवश्य मिलेगी।

    यदि आपकी कोई मनोकामना लंबे समय तक अधूरी रह जाती है तो अपराजिता के फूलों की माला मां दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु को अर्पित करें। ईश्वर शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।

    वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपराजिता का पौधा आप घर की पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व दिशा में लगा सकते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है। ईशान कोण में अपराजिता का पौधा लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।