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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: सनातन धर्म में कई परंपराओं एवं रीति रिवाजों का सदियों से प्रचलन है। कई ऐसी परंपराएं एवं धारणाएं आज भी भारतीय हिंदू समाज में विद्यमान हैं। इन परम्पराओं का कोई धार्मिक या वैज्ञानिक आधार नहीं है, फिर भी इनका अनुसरण प्रायः हर घर में जरूर किया जाता है। हिंदू धर्म में नाखून काटने, बाल धोने जैसे कार्यों को करने के लिए कुछ शुभ-अशुभ दिन बताए गए है। इसमें भी महिलाओं के मामले में अलग-अलग नियम है। यानी कि कुंवारी लड़कियों और सुहागिन महिलाओं के लिए बाल धोने के शुभ दिन अलग-अलग बताए गए है।

    यदि धर्म और ज्‍योतिष शास्‍त्र में बताए गए नियमों के अनुसार, बाल धोएं जाएं, तो जातक की खूबसूरती बढ़ती है। साथ ही घर में धन-दौलत भी बढ़ती है, वहीं गलत दिन या अशुभ दिन में बाल धोने से जीवन में नकारात्मकता बढ़ती है।आइए जानें किस दिन बाल धोने से जीवन पर क्या असर पड़ता है।    

    ऐसी मान्यता है कि सप्ताह के कुछ विशेष दिन यदि सुहागिन महिलाएं अपने बाल धोती हैं, तो ये उनके पति एवं परिवार के लिए शुभ नहीं माना जाता है। ज्यादातर ऐसी मान्यता है कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन स्त्रियों को बाल नहीं धोने चाहिए।

    ज्‍योतिष-शास्‍त्र के अनुसार, बुधवार के दिन सुहागिन महिलाओं, कुमारी कन्याओं और पुरुषों के बाल धोने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। कहते हैं कि, इस दिन सिर धोने से घर में धन और समृद्धि बढ़ती है। साथ ही रोजी-रोजगार में वृद्धि भी होती है।

    रविवार के दिन बाल धोने के लिए उपयुक्त होता है। लेकिन इस दिन सुहागिन महिलाओं को बाल धोने से बचना चाहिए, कुंवारी कन्याएं और पुरुष इस दिन बाल धो सकते हैं।

    कई जगह सोमवार को भी बाल धोना वर्जित माना जाता है। इसके अलावा अमावस्या, पूर्णिमा एवं एकादशी (एकादशी का रखती हैं व्रत तो ध्यान में रखें ये बातें) को भी सुहागिन स्त्रियों के बाल न धोने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष के अनुसार, यदि देखा जाए तो इन दिनों चंद्रमा उच्च या नीच स्थिति में होता है।