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    -सीमा कुमारी

    वास्तु-शास्त्र का हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है। अगर वास्तु- शास्त्र की बात की जाए तो, घर में रखी कुछ चीजें सही जगह पर रखना शुभ माना जाता है, वहीं गलत दिशा में रखना अशुभ माना जाता है। सही जगह पर लगा आईना जहां आपकी तरक्की का कारण बनता है, वहीं गलत जगह पर लगा या फिर टूटा-चटका हुआ शीशा आपके घर की ऊर्जा के प्रवाह को प्रभावित करता है।

    गलत दिशा या स्थान पर लगा आईना नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है, जिसके कारण उस घर में रहने वाले लोगों को शारीरिक-मानसिक कष्ट और शत्रुओं का डर बना रहता है। आइए जानें आखिर शीशे (mirror) यानी, आईना को किस दिशा में लगाना चाहिए और किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए ?

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, उत्तर दिशा में शीशा लगाना फलदायी होता है, क्योंकि उत्तर दिशा धन के देवता भगवान कुबेर का केंद्र है। इसलिए इस दिशा में शीशा लगाने से घर में सकारात्मकता का वास होता है। 

    वास्‍तु-विज्ञान के अनुसार दर्पण को दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए। यहां दर्पण होने से अपनों से वैचारिक मतभेद की स्थिति बनती है। इसके अलावा संबंधों में वाद-विवाद इतना बढ़ने लगता है कि अलगाव तक की नौबत आ सकती है। इसलिए इस दिशा में दर्पण (mirror)  यानी आईना लगने से बचना चाहिए।

    सोते समय बेड से आईना दिखाई दे तो यह शुभ स्थिति नहीं है। कहा जाता है कि यह दांपत्‍य जीवन के लिए अशुभ होता है। इससे स्वास्थ्य प्रभावित होता है और रिश्ते में भी दूरियां आने लगती हैं। अगर बेड रूम में आईना हो तो, जब जरूरत न हो, उसे कपड़े से ढंक कर रखें।

    वास्तु के मुताबिक, अगर आपके घर में तिजोरी है और आप उसके सामने शीशा लगा दें, तो इससे धन में बरकत होती है। व्यापारी लोग अपने कैश बॉक्स के सामने शीशा लगाएं। इससे आपके ग्राहक बढ़ने लगेंगे।