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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: सनातन धर्म में चांदी को बहुत शुद्ध और प्रभावशाली धातु माना जाता है, इसलिए पूजा-पाठ से लेकर कई शुभ कार्यों और अनुष्ठान में चांदी के बर्तनों का प्रयोग अवश्य किया जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, चांदी का प्रयोग कई रूपों में होता है और यह हर तरीके से इंसान को फायदा ही पहुंचाती ही हैं। चांदी के गहने, सिक्के, मूर्तियां और बर्तन जिस घर में ये सारी चीजें मौजूद होती हैं, वहां सुख, वैभव और संपन्नता आती रहती हैं। तो आइए जानें आख़िर चांदी क्यों है इतनी ख़ास ?

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, चांदी के बर्तनों को शुभ माना गया है। इसके प्रयोग से घर पर सुख-समृद्धि आती है। चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है, इसलिए चांदी धातु के प्रयोग से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र ग्रह भी मजबूत होते हैं।

    चांदी के बर्तनों के प्रयोग से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। चांदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-खांसी ठीक होती है। चांदी की कटोरी और चम्मच से बच्चों को शहद खिलाना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा शुद्ध चांदी का ही प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को भावनात्मक परेशानियां होती है, उन्हें चांदी के बर्तनों के प्रयोग से बचना चाहिए।

    कहते हैं कि, यदि आप खाने-पीने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग नहीं कर सकते, तो भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग जरूर करें। पूजा के मंदिर में चांदी का दीपक, कटोरी, घंटी, आमचनी और कलश होना शुभ होता है। इससे घर पर सुख-संपन्नता आती है।