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-सीमा कुमारी

हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के आखिरी महीना दिसंबर में भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे| सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से सभी शुभ कार्य जैसे -शादी -विवाह,मांगलिक कार्य आदि बंद हो जाएंगे| इसी दिन से खरमास शुरू हो जाएगा| इसके बाद 14 जनवरी को सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसी दिन मकर संक्रांति होगी| मान्यता है कि धनु संक्रांति पर भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से भविष्य सूर्यदेव की तरह चमकता है| सूर्यदेव संचरण करते हुए वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का धनु राशि में प्रवेश ही धनु संक्रांति कहलाता है। इसी के साथ खरमास शुरू हो जाएगा और जितने भी शुभ कार्य सभी बंद हो जायेंगे| जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु या मीन में विराजमान रहते हैं| उस समय को खरमास कहा जाता है, पौष खरमास का मास है| तीर्थ स्थल की यात्रा करने के लिए खरमास सबसे उत्तम समय माना जाता है|

मान्यता अनुसार, धनु संक्रांति के दिन घरों में सत्यनारायण भगवान की पूजा करने की प्रथा है| भक्ति भाव से इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है| धर्मपण्डितों का कहना है कि इस दिन सूर्य देव की आराधना या पूजा करने से भगवान सूर्य देव की कृपा आप पर बनी रहेगी और आने वाला भविष्य सूर्य की तरह चमकेगा व इस दिन उड़ीसा के पूरी में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है| भगवान जगन्नाथ को प्रसाद के रूप में मीठा भात चढ़ाया जाता है।

सूर्य ग्रहण से पहले इन पांच राशि वाले जातक जैसे – कर्क राशि, सिंह राशि, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ है| इस राशि परिवर्तन से कई राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे|