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    -सीमा कुमारी

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। रसोई में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। प्रत्येक वस्तु के उपयोग के संबंध में वास्तु-शास्त्र में कुछ विशेष नियम हैं।

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, चकला बेलन का इस्तेमाल करते समय कई बार हम छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिनके बारे में जरा सा भी ध्यान नहीं देते हैं। यहीं गलतियां वास्तु-दोष का कारण बनती हैं। आइए जानें वास्तु-शास्त्र के अनुसार, चकला- बेलन का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना है बहुत जरूरी।

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, बुधवार का दिन चकला-बेलन की खरीदारी के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। कहते हैं, इस दिन खरीदने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, ऐसे चकले का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। जिसमें रोटी बनाते समय आवाज आती हो। क्योंकि इस आवाज के कारण ग्रह क्लेश और धन हानि का सामना करना पड़ता है।

    ज्योतिष-शास्त्र की मानें, तो रात्रि को सोने से पहले चकला-बेलन साफ कर लें। ऐसा माना जाता है कि गंदे चकला-बेलन के इस्तेमाल से जातक की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि रात में सोने से पहले चकला-बेलन साफ कर लें।

    अगर घर में मौजूद चकला-बेलन लकड़ी का है और वह धीरे-धीरे उसकी लकड़ी सड़ने लगी है, या फिर कील आदि निकल रही है, तो उसे तुरंत हटा दें। टूटा हुआ चकला-बेलन इस्तेमाल करने से वास्तु-दोष बढ़ता है।

    कहते हैं, चकला इस्तेमाल करने के बाद कभी भी इसे उल्टा करके नहीं रखना चाहिए। हमेशा सीधा लिटाकर रखना चाहिए। इसके अलावा कभी भी बर्तनों के बीच में या फिर डिब्बे के ऊपर नहीं रखना चाहिए।

    वास्तु-शास्त्र के अनुसार, चकला-बेलन का इस्तेमाल करने के बाद उसे तुरंत धोकर सुखाकर रखना चाहिए। गंदा छोड़ने से घर में वास्तु-दोष बढ़ता है और मां अन्नपूर्णा रुष्ट हो जाती हैं।