New year celebrations in Mumbai, police issued guidelines, these are preparations ...
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    नई दिल्ली : हर साल 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है। नए साल (New Year) के मौके पर लोग आने वाले साल मंगलमय हो इसलिए ढेर सारी उम्‍मीदों के साथ-साथ लोग नए साल का स्‍वागत (Happy New Year 2023) करने के लिए तैयार रहते हैं। वैसे तो हर धर्म में नया साल अलग-अलग दिन पड़ता है। इसके बावजूद 1 जनवरी को दुनियाभर में लोग 1 नया साल धूमधाम से मानते हैं। 

    मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर हर साल 1 जनवरी को ही न्यू ईयर क्यों मनाया जाता है। दरअसल, नए साल को 1 जनवरी को मनाए जाने की शुरुआत 15 अक्टूबर साल 1582 में हुई थी। इससे पहले नया साल कभी 25 मार्च तो कभी 25 दिसंबर को मनाया जाता था। हालांकि, इसके बाद ये 1 जनवरी को मनाया जाने लगा। मार्च का नाम मार्स (mars) ग्रह पर रखा गया है। मार्स यानी मंगल ग्रह को रोम में लोग युद्ध का देवता मानते हैं। 

    जानकारी के मुताबिक सबसे पहले रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में बदलाव किया था। उस दौरान कैलेंडर में जनवरी को पहला महीना माना गया। गौरतलब है कि इस बदलाव से पहले तक मार्च को पहला महीना माना जाता था। रोमन शासक जूलियस सीजर के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने ही जनवरी को पहला महीना मानकर जूलियस कैलेंडर में साल में 12 महीने किए गए। 

    ये सब उन्होंने पृथ्वी से जुड़े काफी अध्ययन के बाद किया था। हालांकि, हर साल की तरह इस साल भी न्यू ईयर के तैयारियां जोरों पर है लोग न्यू ईयर को लेकर अपने कई प्लान्स बना रहे हैं।