MP Floods
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    भोपाल. पिछले तीन दिनों से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर-चंबल संभागों (Gwalior-Chambal Division) में बाढ़ (Floods) से मची तबाही के कारण अब तक 12 लोगों की मौत हुई है और सात लोग घायल हुए हैं। हालांकि, बृहस्पतिवार को अब इन दोनों संभागों में बचाव अभियान समाप्त हो गया है और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। ग्वालियर संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, “कल बुधवार तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 12 लोगों की मौत होने की रिपोर्ट मिली है। बृहस्पतिवार को अब तक किसी और व्यक्ति की मौत होने की रिपोर्ट नहीं मिली है।”

    सक्सेना ग्वालियर संभाग के साथ-साथ चंबल संभाग को भी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मौतें इन दोनों संभागों में दीवार एवं घरों के ढहने के साथ-साथ लोगों की लापरवाही के कारण हुई हैं। लोगों की लापरवाही के कारण हुई मौतों के बारे में उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति एक ओवरफ्लोविंग जलाशय में आनंद लेने के लिए गया था और डूब गया, जबकि कुछ लोग ओवरफ्लोविंग पुलों को पार करते हुए मरे हैं।

    सक्सेना ने बताया कि भिण्ड से तीन लोगों को आज हेलीकॉप्टरों से बचा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि सेना के वायुयानों से बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित श्योपुर एवं दतिया जिलों में भोजन सामग्री गिराई जा रही है।

    इसी बीच, प्रदेश के राजस्व सचिव ज्ञानेश्वर बी पाटिल ने बताया, ‘‘बाढ़ से सात लोग घायल हुए हैं, जिनमें गुना में चार, शिवपुरी में दो और मुरैना में एक व्यक्ति शामिल है।”

    उन्होंने कहा कि बचाव अभियान तकरीबन समाप्त हो गया है और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। पाटिल ने बताया कि ग्वालियर एवं चंबल संभागों से 30,790 बाढ़ प्रभावित लोगों को या तो सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है या बचाया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 6,000 लोगों को 126 राहत शिविरों में रखा गया है।

    पाटिल ने बताया कि 287 पालतू जानवरों की मौत हुई है, जिनमें 125 श्योपुर में, 76 शिवपुरी में, 75 दतिया में, नौ गुना में और दो मुरैना जिलों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि करीब 18,304 कच्चे एवं पक्के मकानों को नुकसान हुआ है। इनमें से 15,000 श्योपुर में, 2,124 दतिया में, 672 शिवपुरी में, 456 गुना में और 52 अशोकनगर जिले के हैं।

    पाटिल ने बताया कि श्योपुर एवं दतिया जिलों में चार बड़े पुल और 21 मझले पुलों को भी नुकसान हुआ है, जबकि अन्य जिलों से रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “राज्य सरकार हर प्रकार के नुकसान की भरपाई करेगी। जिन लोगों के घरों का सामान, बर्तन-भाडे, कपड़े इत्यादि नष्ट हुए हैं, उन सभी का आंकलन कर राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत आर्थिक राहत प्रदान की जाएगी।”

    चौहान ने कहा, “जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, उनका जल्द से जल्द सर्वेक्षण कराकर राहत राशि वितरित की जाएगी। जिनका कुआं और नलकूप नष्ट हुआ है उन्हें 25,000 रूपये, गाय, भैंस, बैल इत्यादि मवेशी की मृत्यु पर 30,000, साथ ही छोटे जानवर की मृत्यु पर 10,000 रूपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अलावा यदि बकरा, बकरी और मुर्गा-मुर्गी की मृत्यु हुई होगी तो उनके मालिकों को भी सरकार आर्थिक राहत देगी।” (एजेंसी)