भोपाल: मध्य प्रदेश में कोविड-19 (Corona ) के तेजी से बढ़ने से भोपाल के भदभदा विश्राम घाट के लॉकरों में 150 अस्थि कलशों का ढेर लग गया है। कई लोग अपने परिजनों का दाह संस्कार करने के बाद अस्थि कलश विश्राम घाट के लॉकरों में रख रहे हैं, ताकि बाद में उन्हें गंगा, यमुना या नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में विसर्जित किया जा सके। यह जानकारी भदभदा विश्राम घाट के एक पदाधिकारी ने शनिवार को दी है। संक्रमण से मरने वालों का अंतिम संस्कार इस विश्राम घाट में किया जा रहा है।
भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘भदभदा विश्राम घाट के लॉकरों में फिलहाल 150 अस्थि कलश रखे हैं। हम और लॉकर बना रहे हैं, ताकि कम से कम 500 अस्थियों कलश रखने की व्यवस्था हो।” शर्मा ने कहा, ‘‘मृतकों की संख्या बढ़ने से रोजना यहां औसतन 10 से 15 अस्थि कलश रखे जा रहे हैं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अस्थि कलश लॉकरों में रखे जा रहे हैं।”
भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है। इस विश्राम घाट के अलावा, शहर में सुभाष नगर विश्राम घाट एवं झदा कब्रिस्तान (मुस्लिम) जहांगीराबाद में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक महामारी से मरने वालों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
शर्मा ने बताया कि भदभदा विश्राम घाट में इस माह एक अप्रैल से 16 अप्रैल तक अब तक लगभग 1,100 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है जिनमें से लगभग 800 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। उन्होंने दावा किया कि भदभदा विश्राम घाट में 16 अप्रैल को कुल 81 शवों का अंतिम संस्कार किया।
इनमें से 69 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। जिन 69 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, उनमें से 46 भोपाल के निवासी थे, जबकि 23 अन्य जिलों के थे। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में एक अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच मात्र 38 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है।(एजेंसी)