Madhya Pradesh High Court

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इंदौर. स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले पांच दिनों में कराए गए रैपिड एंटीजन टेस्ट में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के 52 कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें से सर्वाधिक 35 कर्मचारी शुक्रवार को महामारी की जद में आए। कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित स्क्रीनिंग टीम के प्रभारी अनिल डोंगरे ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया, “उच्च न्यायालय परिसर में कराए गए रैपिड एंटीजन टेस्ट में सोमवार को पांच, मंगलवार को तीन, बुधवार को नौ और शुक्रवार को 35 कर्मचारी संक्रमित पाए गए।”

डोंगरे ने स्पष्ट किया कि इन संक्रमितों में उच्च न्यायालय के कोई भी न्यायाधीश शामिल नहीं हैं। इस बीच, उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के उपाध्यक्ष अमर सिंह राठौर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए अदालत परिसर में अगले सात दिनों के लिए न्यायिक काम-काज स्थगित किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया, “उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में हालांकि अधिकांश मुकदमों की सुनवाई लम्बे समय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हो रही है जिनमें न्यायाधीश और वकील अपने घरों या दफ्तरों से शामिल हो रहे हैं। लेकिन उच्च न्यायालय परिसर में वकीलों की सुविधा के लिए अलग से वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष भी बनाए गए हैं जहां से वे सुनवाई के दौरान पैरवी कर रहे हैं।”

राठौर ने मांग की कि स्वास्थ्य विभाग को उन सभी वकीलों की भी कोविड-19 की जांच करानी चाहिए जो अपनी पेशेवर जरूरतों के चलते पिछले दिनों उच्च न्यायालय परिसर गए थे। गौरतलब है कि इंदौर, राज्य में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च से लेकर 26 नवंबर तक महामारी के कुल 40,522 मरीज मिले हैं। इनमें से 749 मरीजों की मौत हो चुकी है। (एजेंसी)