After two months in Indore, information about the death of the patient from Kovid-19
File Photo

Loading

इंदौर (मध्य प्रदेश).  देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी से मरीजों की मौत की आधिकारिक जानकारी मीडिया के साथ देरी से साझा किये जाने का सिलसिला जारी है और इस विलम्ब से स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं। ताजा मामले में कोविड-19 से एक मरीज की मौत की जानकारी करीब दो महीने की देरी से दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद यहां अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान चार मरीजों की मौत हो गयी।

इनमें शामिल 42 वर्षीय पुरुष ने छह अप्रैल को दम तोड़ा था। इस मरीज की मौत की जानकारी देरी से दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एमपी शर्मा ने “पीटीआई-भाषा” से कहा, “मैं पता करता हूं कि यह देरी किस स्तर पर हुई है।” उन्होंने कहा, “हमें कई बार कोविड-19 से मरीजों की मौत को लेकर अस्पतालों से देर से जानकारी मिलती है।

लेकिन यह बात सच है कि इसमें विलंब नहीं होना चाहिये। हम संबंधित तंत्र में जल्द सुधार करेंगे।” जिले में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का आधिकारिक ब्योरा देरी से दिये जाने के कई मामले में सामने आ चुके हैं। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही गैर सरकारी संगठन आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन इन मौतों का खुलासा “अपनी सुविधानुसार” कर रहा है जिससे महामारी के सरकारी आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा होता है। कांग्रेस इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा श्वेत पत्र जारी करने की मांग तक कर चुकी है।

बहरहाल, कोविड-19 से मौत के चार नये मामलों के बाद जिले में इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद 149 पर पहुंच गयी है। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 54 नये मामले मिले हैं। इसके बाद संक्रमितों की कुल तादाद 3,633 से 3,687 बढ़कर हो गयी है। उन्होंने बताया कि इलाज के बाद कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने पर अब तक जिले के 2,243 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है। जिले में इस प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।